दुष्यंत चौटाला ने कृषि के मुद्दे को लेकर सैनी सरकार पर साधा निशाना

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Chandigarh: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता और हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को किसानों के मुद्दे पर नायब सिंह सैनी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि खरीद का मौसम शुरू हो गया है, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है.

जजपा नेता चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकार न तो चुनाव की घोषणा एवं आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले हालिया बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों के नुकसान का मुआवजा दे पाई और न ही फसलों की खरीद के संबंध में कोई निर्णय ले पा रही है.

वह पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह के कांग्रेस छोड़कर जजपा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. चौटाला ने कहा, ‘‘अब किसानों को फसलों के नुकसान का मुआवजे पाने के लिए 90 दिनों तक (आम चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक) इंतजार करना होगा.”

उन्होंने कहा, ‘‘नयी सरकार मंडियों में फसल आने के बावजूद खरीद की व्यवस्था नहीं कर पाई. यहां तक कि सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर होगी या ‘भावांतर भरपाई योजना’ के जरिए होगी, कौन सी एजेंसी खरीदेगी और कैसे, यह भी निर्णय नहीं किया जा सका है.”

चौटाला ने मुख्यमंत्री सैनी से किसानों के हित में फसल खरीद की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘‘मैं नायब सिंह सैनी से चाहूंगा कि वह चंडीगढ़ में बैठें और निर्णय लें. राज्य में उनके (चुनावी) दौरों से ज्यादा महत्वपूर्ण फसलों की खरीद है. अगर यह सुचारू रूप से नहीं हुआ तो किसान प्रभावित होंगे.”

चौटाला ने कहा कि गत साढ़े चार साल जब जजपा गठबंधन सरकार में थी तब किसानों को किसी बात की चिंता नहीं हुई. उन्होंने कहा कि फसलों की खरीद समय पर हुई और लगभग एक लाख करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया.

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले राज्य की सत्ता में फेरबदल करते हुए पिछले हफ्ते मनोहर लाल खट्टर को हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया था. चौटाला ने इस बदलाव का संदर्भ देते हुए कहा,‘‘हमने तय किया कि जजपा नयी सरकार का हिस्सा नहीं होगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का भी हिस्सा नहीं बनेगी.

 

 

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