रामगढ़ मॉब लिंचिंग मामला: अलीमुद्दीन हत्याकांड के सजायाफ्ता कैदियों की अपील पर हाई कोर्ट ने मांगा लिखित बहस

Ranchi: रामगढ़ मॉब लिंचिंग मामले में अलीमुद्दीन की हत्या के सजायाफ्ता की अपील पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में अपीलकर्ताओं को लिखित बहस प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.

दरअसल, दीपक मिश्रा व अन्य की ओर से निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा के खिलाफ दाखिल अपील दायर की गई थी. बता दें कि रामगढ़ कोर्ट ने 21 मार्च 2018 को 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. हजारीबाग के मीट कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी को बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में मृतक की पत्नी ने 12 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 16 मार्च 2018 को 12 में से 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण उसका मामला जुवेनाइल वार्ड में भेज दिया गया था. जिन्हें अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी उनमें छोटू वर्मा, दीपक मिश्रा और संतोष सिंह के अलावा भाजपा नेता नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, उत्तम राम, विक्रम प्रसाद, राज कुमार, मोहित ठाकुर और कपिल ठाकुर शामिल थे.

क्या था मामला

रामगढ़ जिले के मनुआ फुलमराय के रहने वाले अलीमुद्दीन की हत्या 29 जून 2017 को मारुति वैन से बीफ ले जाने के आरोप में कर दी गई थी.

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