हाईकोर्ट की दो टूक, एनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिलने पर ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का होगा निर्माण

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Ranchi: गढ़वा के रिहायशी इलाके में कचरा डंपिंग यार्ड बनाने का विरोध करने वाली रामलाल भुईंया की जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को निष्पादित करते हुए निर्देश दिया कि स्टेट इंवायरमेंटल असेस्मेंट अथॉरिटी (सिया) के द्वारा एनवायरमेंटल क्लीयरेंस नहीं दिया जाएगा, तब तक प्रस्तावित जगह पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण नहीं होगा. कोर्ट ने कहा कि जब भी राज्य सरकार या गढ़वा नगर परिषद के द्वारा सिया के पास कचरा डंपिंग यार्ड बनाने के संदर्भ में एनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए आवेदन डाला जाएगा, तो सिया प्रार्थी एवं प्रभावित लोगों को नोटिस जारी करेगी और उनसे आपत्ति मांगेगी। आपत्ति के निष्पादन के बाद ही सिया कचरा डंपिंग यार्ड निर्माण के लिए एनवायरमेंटल क्लीयरेंस देने पर कानून के अनुसार निर्णय लेगी। इससे पूर्व सिया की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसके पास ठोस कचरा डंपिंग यार्ड बनाने को लेकर कोई एनवायरमेंटल क्लीयरेंस का आवेदन लंबित नहीं है। दरअसल, गढ़वा के रिहायशी इलाके में ठोस कचरा डंपिंग यार्ड बनाने के विरोध में दायर जनहित याचिका की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ने कहा है कि गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में सुकबाना गांव है. वहां पर कचरा के लिए डिस्पोजल साइट बन रहा है. उसके बगल में गांव है. वहां लोग रहते हैं. स्कूल है, पास में तालाब भी है. प्रदूषण से लोग बीमार हो जा रहे हैं. डंपिंग यार्ड में ठोस कचरा प्लांट बन रहा. इसके लिए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीटीएस व सीटीओ भी नहीं लिया गया है.

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