कोलकाता लॉ कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ गैंगरेप का आरोप, तीन गिरफ्तार

 

कोलकाता, 27 जून 2025 — कोलकाता के कस्बा इलाके स्थित एक सरकारी लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली 24 वर्षीय छात्रा के साथ कॉलेज परिसर के भीतर गैंगरेप का आरोप सामने आया है। यह घटना 25 जून की शाम 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच बताई जा रही है, जो कथित रूप से कॉलेज के सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए बने एक कमरे में घटित हुई।

पीड़िता ने 26 जून को कस्बा थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने 27 जून को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

आरोपियों की पहचान

मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, उम्र 31 वर्ष, कॉलेज का पूर्व छात्र है, जिसे बाद में वहीं अनुबंध पर नौकरी मिली थी। वह पश्चिम बंगाल की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के छात्र संगठन का पूर्व नेता भी रह चुका है। अन्य दो आरोपी हैं जै़द अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20), जो वर्तमान में उसी कॉलेज के छात्र हैं।

पीड़िता का बयान और धमकियों के आरोप

पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि उसे गार्ड रूम की ओर झांसा देकर ले जाया गया और वहां जबरन बंद करके उसके साथ बलात्कार किया गया। आरोपियों ने इस कृत्य की मोबाइल से रिकॉर्डिंग भी की और उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया, तो वीडियो सार्वजनिक कर दिया जाएगा और उसे जान से मार दिया जाएगा।

पीड़िता ने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी ने उसे विवाह का प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने यह कहकर ठुकरा दिया कि वह पहले से किसी रिश्ते में है। इसके बाद आरोपी ने उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी।

घटना के दौरान पीड़िता को सांस लेने में तकलीफ (पैनिक अटैक) हुआ, जिसके बाद इन्हेलर दिए जाने पर उसकी हालत कुछ स्थिर हुई। उसने यह भी बताया कि उस समय कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया गया था और वहां मौजूद गार्ड को बाहर निकाल दिया गया था।

कानूनी कार्रवाई और धाराएं

तीनों आरोपियों को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया। पुलिस ने निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:

  • धारा 376D – सामूहिक बलात्कार

  • धारा 342 – अनुचित रूप से बंधक बनाना

  • धारा 506 – आपराधिक धमकी

  • आईटी एक्ट की धारा 67 – अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रसारण

पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उन्हें साइबर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, ताकि कोई सबूत इकट्ठा किया जा सके और पीड़िता का कोई वीडियो लीक न हो।

राजनीतिक और संस्थागत प्रतिक्रिया

राजनीतिक दल ने आरोपी से वर्तमान में किसी भी प्रकार की सक्रिय भागीदारी से इनकार किया है, लेकिन इस घटना ने फिर से शैक्षणिक परिसरों में राजनीतिक प्रभाव और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर चिंता बढ़ा दी है। बताया गया है कि पहले भी छात्रों और शिक्षकों ने परिसर में अनुशासनहीनता और असुरक्षा की शिकायतें की थीं।

कॉलेज परिसर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं, विशेष रूप से गार्ड रूम के आसपास। यह सवाल उठ रहा है कि क्या आरोपियों को पहले से इस बात की जानकारी थी और इसी कारण उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए वही स्थान चुना।

जनता और अधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद कोलकाता में छात्रों और महिला संगठनों ने विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले हैं। #JusticeForLawStudent और #CampusSafetyNow जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसे मनोवैज्ञानिक सहयोग उपलब्ध कराने की मांग की है।

कैंपस सुरक्षा को लेकर उठते सवाल

यह मामला देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ रही महिला असुरक्षा और राजनीतिक हस्तक्षेप की एक और कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। कई आलोचकों का मानना है कि राजनीतिक छात्र संगठनों द्वारा अपने प्रभाव का दुरुपयोग, शिक्षकों के साथ बदसलूकी और सुरक्षा की अनदेखी संस्थागत स्तर पर गंभीर चिंता का विषय है।

यह मामला अभी जांच के अधीन है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता की पहचान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

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