पाकिस्तान के किराना हिल्स में भारतीय वायुसेना का सटीक हमला? न्यूक्लियर साइट पर भारी नुकसान, रेडिएशन लीक की आशंका ?
नई दिल्ली: पाकिस्तान के किराना हिल्स में स्थित न्यूक्लियर स्टोरेज साइट पर भारतीय वायुसेना ने एक सटीक सैन्य अभियान के तहत हमला किया है। इस हमले में कई भूमिगत परमाणु भंडारण स्थलों को निशाना बनाया गया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान की न्यूक्लियर वेपन स्टोरेज क्षमता को कमजोर करना और सामरिक स्थलों को ध्वस्त करना था।
ऑपरेशन किराना हिल्स: कैसे हुआ हमला?
13 मई 2025 को भारतीय सेना ने एक गुप्त खुफिया जानकारी के आधार पर “ऑपरेशन केलर” लॉन्च किया। भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल और स्पाइस बम का उपयोग किया। सबसे पहले ब्रह्मोस मिसाइल ने लक्ष्य को भेदा और उसके बाद स्पाइस बम ने गहराई तक जाकर धमाका किया। यह बम सतह पर टकराते ही नहीं फटता, बल्कि गहराई में जाकर विस्फोट करता है, जिससे भूमिगत संरचनाओं को भारी नुकसान होता है।
किराना हिल्स का महत्व क्यों है?
किराना हिल्स, पाकिस्तान के परमाणु हथियार भंडारण का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यह स्थान मुसाफ एयरबेस से लगभग 20 किमी और खुशाब न्यूक्लियर प्लांट से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। अमेरिकी वैज्ञानिक संघ (Federation of American Scientists) के अनुसार, किराना हिल्स पाकिस्तान के न्यूक्लियर आर्सेनल का एक केंद्रीय स्थल है, जहां परमाणु हथियारों का भंडारण और उनका रखरखाव होता है।
रेडिएशन लीक की आशंका: स्थानीय लोगों में बढ़ती बीमारी
हमले के बाद से ही #Radiation हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। कई स्थानीय नागरिकों ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें कैंसर, उल्टी, बुखार और डायरिया जैसे रेडिएशन से संबंधित लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि उन्हें उनके घरों को छोड़ने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि रेडिएशन का खतरा है।
स्थानीय नागरिकों का बयान:
“हमें अधिकारियों ने कुछ दिनों के लिए दूसरी जगह जाने को कहा है और यह भी बताया है कि यदि हम यहीं रुके तो कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन हम गाँव वाले हैं, कहां जाएंगे?”
भारत का संदेश: न्यूक्लियर शील्ड का अंत
इस हमले के बाद से पाकिस्तान की पारंपरिक “न्यूक्लियर शील्ड” का प्रभाव कम होता दिख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए अपनी उच्च स्तरीय सटीक सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान के पास अब यह डर है कि भारत चाहे तो उसकी अन्य न्यूक्लियर साइट्स को भी निशाना बना सकता है।
पाकिस्तान का खंडन, भारत का प्रतिकार
पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा गया कि हमले में केवल खाली पहाड़ियों को निशाना बनाया गया, जबकि स्वतंत्र स्रोतों और सेटेलाइट इमेजरी में दिखाया गया है कि भूमिगत न्यूक्लियर स्टोरेज स्थलों पर सीधा प्रहार हुआ है। इन इलाकों से रेडिएशन का रिसाव होने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं।
रणनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
इस ऑपरेशन के बाद दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर उसकी संप्रभुता को खतरा हुआ, तो वह पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को निशाना बनाने में सक्षम है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान ने अपने सहयोगी देशों से समर्थन मांगा है।
भविष्य की दिशा क्या होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह रणनीतिक क्षमता आने वाले समय में पाकिस्तान को अपनी न्यूक्लियर स्ट्रैटेजी पर दोबारा विचार करने पर मजबूर कर सकती है। इसके साथ ही, दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।