ईडी की हरियाणा-पंजाब में बड़ी कार्रवाई, अमेरिका भेजने वाले एजेंटों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी
नई दिल्ली | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा और पंजाब के विभिन्न इलाकों में एक साथ 11 जगहों पर छापेमारी कर एक कथित अंतरराष्ट्रीय अवैध इमीग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इन छापों की कार्रवाई उन एजेंटों और व्यक्तियों के खिलाफ की गई है जो गैरकानूनी तरीके से लोगों को अमेरिका और यूरोप भेजने के कार्य में शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा की गई सख्ती के बाद तेज हुई। ट्रंप ने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से अमेरिका में घुसने वालों पर कड़ा रुख अपनाया था। इसी सख्ती के तहत बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया, जिनमें से अधिकांश हरियाणा और पंजाब के निवासी थे।
इन डिपोर्ट किए गए लोगों ने मीडिया को दिए बयानों में बताया कि उन्होंने अमेरिका पहुँचने के लिए ₹80 लाख से लेकर ₹1.25 करोड़ तक की भारी-भरकम राशि एजेंटों को दी थी। कई ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों, कॉन्ट्रैक्ट मैरिज और ट्रांजिट वीज़ा जैसे गैरकानूनी तरीकों का सहारा लिया।
ईडी को संदेह है कि इस नेटवर्क में हवाला के ज़रिए पैसों का लेन-देन भी शामिल है, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है। छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, डिजिटल डेटा और संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य ईडी को मिले हैं।
ईडी अधिकारियों का कहना है कि यह केवल लोगों को अवैध रूप से विदेश भेजने का मामला नहीं है, बल्कि इसके तार संभवतः अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, रोहिंग्या घुसपैठ, और पड़ोसी देशों से जुड़े नेटवर्क से भी जुड़े हो सकते हैं।
जानकारों के अनुसार, हरियाणा और पंजाब में जमीन अधिग्रहण के बाद मिले बड़े मुआवज़ों का एक बड़ा हिस्सा लोग विदेश जाने में खर्च कर देते हैं। इस पैसे से लोग फर्जी वीज़ा, एजेंट फीस, और यात्रा खर्चों को कवर करते हैं।
फिलहाल ईडी की जांच जारी है और अधिकारियों का मानना है कि यह भारत के सबसे बड़े इमीग्रेशन रैकेट्स में से एक हो सकता है।
पृष्ठभूमि में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध इमीग्रेशन के खिलाफ की गई कार्रवाई के चलते भारत में भी इस रैकेट की परतें खुलनी शुरू हुईं। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की बढ़ती संख्या ने भारत सरकार को कार्रवाई के लिए मजबूर किया। यही कारण है कि ईडी ने इस रैकेट की जड़ों तक पहुंचने के लिए सघन छानबीन शुरू की।
निष्कर्ष
ईडी की यह कार्रवाई भारत में अवैध इमीग्रेशन और हवाला नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ा कदम मानी जा रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों तथा खुलासों की संभावना जताई जा रही है।