Ranchi : सीएम हेमंत सोरेन ने भरोसा जताया है कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर प्रधानमंत्री का बिरसा मुंडा की जन्म स्थली उलिहातू आगमन एवं कार्यक्रम का आयोजन पूरे देश को जोड़ेगा. खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि उलिहातू की इस पावन भूमि में पीएम पहली बार आये हैं. आशा और उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा. प्रधानमंत्री का जो संदेश होगा, वह आदिवासियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. बिरसा मुंडा पूरे देश के आदिवासियों के भगवान हैं. झारखण्ड हमेशा से वीरों की भूमि रही है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रधानमंत्री ने रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय में देखा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाते ना सिर्फ झारखण्ड, बल्कि पूरे देश के आदिवासियों की तरफ से, आदिवासी धर्म कोड की चिर प्रतीक्षित मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने का वे पीएम से आग्रह करते हैं. उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आपके सहयोग से आनेवाले दिनों में आदिवासी सहित समाज के लोगों का गौरव के साथ कल्याण सुनिश्चित हो पाएगा.
आदिवासी हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड आदिवासी बहुल राज्य है. वे स्वयं भी आदिवासी समुदाय से आते हैं और आदिवासी होने पर उन्हें गर्व है. आदिवासी हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता आया है. फिर वह लड़ाई महाजनों के विरुद्ध हो या अंग्रेजों के. लेकिन दुर्भाग्य है कि इतिहासकारों ने इन्हें उचित जगह नहीं दिया. विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह सबसे पिछड़ा है. अगर ये नहीं बचे तो अन्य आदिवासी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह में आ जाएंगे. आज हम चांद में पहुंच चुके हैं, लेकिन समाज के अंदर जो अंतर दिख रहा है, उसे अबतक मिट जाना चाहिए.
जंगल में बसने वालों को विस्थापन झेलना पड़ता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड कई मायनों को लेकर आगे बढ़ा है. चाहे खनिज संपदा हो या किसी अन्य विषय को लेकर हो. प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि यहाँ बड़े पैमाने पर आदिवासी जो जंगलों में बसते हैं, उन्हें विस्थापन का दंश झेलना पड़ता है. खनिज सम्पदाओं को निकालने के लिए बड़े पैमाने में कई वर्षों से इनका विस्थापन होता रहा है. इस क्षेत्र में बसने वाले लोगों के प्रति भी ऐसी विशेष कार्ययोजना तैयार की जाये, जहां हमारे आदिवासी भाई-बहन अपने जल-जंगल-जमीन के साथ अपने आप को समग्र विकास की कड़ियों से जोड़ सके.
इन कार्यक्रमों का भी हुआ आयोजन
प्रमुख सरकारी योजनाओं का प्रसार सुनिश्चित करने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ इस दौरान हुआ. कमजोर जनजातीय समूह के लिए विशेष मिशन भी शुरू हुआ. मिशन में करीब ₹24 हजार करोड़ व्यय होगा.
प्रधानमंत्री-किसान योजना की 15वीं किस्त जारी की गई. 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास हुआ. आईआईएम रांची का नया परिसर, आईआईटी आईएसएम धनबाद का नया छात्रावास, बोकारो में पेट्रोलियम ऑयल और लूब्रिकेंट (पीओएल) डिपो, हटिया-पकरा सेक्शन, तलगरिया-बोकारो सेक्शन और जारंगडीह-पतरातू सेक्शन डबल लेन का उद्घाटन हुआ. एनएच 133 के महगामा-हंसडीहा सेक्शन का फोर लेन कार्य (52 किमी), एनएच 114ए के बासुकीनाथ-देवघर सेक्शन का फोर लेन कार्य (45 किमी), केडीएच-पूर्णाडीह कोल हैंडलिंग प्लांट और आईआईआईटी रांची के नए शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन की आधारशिला रखी गई.
49 हजार करोड़ की जनजातीय कल्याण एवं विकास परियोजनाओं का शुभारम्भ/लोकार्पण/शिलान्यास और विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारम्भ हुआ. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, झारखण्ड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष सह पद्म भूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा, राजधनवार विधायक बाबूलाल मरांडी, खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक कोचे मुंडा एवं अन्य भी उपस्थित थे.
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