Ranchi : राज्यसभा सासंद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा के शून्यकाल में झारखंड से हो रहे पलायन के मामले को बुधवार को उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य लोहा, तांबा, सोना, अभ्रक, बॉक्साइट, यूरेनियम सहित कई अन्य खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है. इस आधार पर कई उद्योग यहां लग सकते हैं. लेकिन राज्य सरकार की नीति के कारण इसमें बाधाएं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी अहर्ता को पूरा करने के बावजूद राज्य सरकार की गलत नीयत के कारण झारखंड के माइंस आज बन्द हैं. केंद्र सरकार के द्वारा खदानों का लीज आवंटन किया जा रहा है, परंतु राज्य सरकार की गलत नीति और नीयत के कारण उद्योगपतियों के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है. उद्योग लगने से रोजगार सृजित होता है, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार की नीति और नीयत में खोट के कारण आज वहां से उद्योग और उद्योगपति पलायन कर रहे हैं. उद्योग नहीं लग पाने के कारण झारखंड के युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. साथ ही आपराधिक संगठनों में शामिल हो रहे हैं.
दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड के माइंस नहीं खुलने के कारण के पीछे सरकार के संरक्षण में संगठित अपराधियों और दलालों का गिरोह काम कर रहा है. इन अपराधियों और दलालों के माध्यम से अवैध खनन हो रहा है. राज्य एवं केंद्र सरकार के राजस्व में कमी हो रही है.
झारखंड में मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर जब श्री प्रकाश बोल रहे थे तो इस दौरान विपक्षी दलों की और से टोका-टोकी की गयी. इसी बीच उन्होंने कहा कि वे राज्य में कोयला, भूमि, शराब घोटाले की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि राज्य की वर्तमान परिस्थितियों से सदन को अवगत करा रहे हैं.
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