Dhanbad: IIT-ISM के संकाय सदस्यों के द्वारा 3D तकनीक से ग्रामीण इलाकों के आदिवासी छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई. जिसका नेतृत्व संस्थान के प्रोफेसर रश्मि सिंह ने की. गुरुवार को निरसा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरमो में 200 से अधिक आदिवासी छात्रों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता के जानकारी दी गई. इस दौरान अनुसंधान विद्वानों की एक टीम ने गुरुवार को डिपार्मेंट आफ स्टडीज और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया.
प्रोफेसर रश्मि सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित परियोजना का हिस्सा था, जिसका शीर्षक “स्कूल के छात्रों को प्रेरित करें” था. नवाचार संचार के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता के बारे में शिक्षक के द्वारा गोला, आयत, प्रिज्म, बेलन आदि जैसी 3डी आकृतियों के लाइव मॉडल का उपयोग करके छात्रों को ठोस वस्तुओं से अवगत कराया.
इस दौरान आईआईटी के प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर नीलाद्रि दास मौजूद थे. उन्होंने ने कहा 3 डी आकृतियों को बच्चों के बीच कलात्मक विकास में सीखने से मदद मिल सकती है. इससे उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
+ There are no comments
Add yours