Ranchi : आइएसआइएस आतंकी मो आरिज हसनैन अपने पिता कैशर हसनैन के साथ टेलीग्राम पर किये गये चैट से पकड़ा गया. गोड्डा जिले के गोड्डा थाना क्षेत्र स्थित रहमतनगर निवासी आतंकी संगठन में सक्रिय रह कर सोशल मिडिया व अन्य माध्यमों से लोगों को संगठन से जोड़ता था.
वहीं हजारीबाग जिले के पेलावल थाना क्षेत्र के महतो टोला निवासी मो नसीम पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के भी कई आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ सम्पर्क में था. इसका लक्ष्य फिलिस्तीन जाकर फिदायीन हमला कर मस्जिद ए अल अक्सा को यहूदियों से आजाद कराना था. एटीएस के अनुसार गुप्त सूचना मिली थी कि आइएसआइएस आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य मो आरिज हसनैन द्वारा संगठन में सक्रिय रह कर सोशल मिडिया व अन्य माध्यमों से संगठन का प्रचार-प्रसार कर रहा है. तथा भोले-भाले लोगों को गुमराह कर संगठन से जोड़ रहा है. आरोपी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहा है. सूचना पर एटीएस थाना (दैनिकी सं-5) 2 नवम्बर को दर्ज करते हुए अग्रतर जांच एवं सत्यापन की कार्रवाई के लिए एटीएस की एक टीम को गोड्डा जिले में भेजी गई थी. जांच के क्रम में प्रथम दृष्टया मो आरिज की गतिविधि संदेहात्मक पायी गयी. मो आरिंज हसनैन को रांची लाकर गहन पूछताछ की गयी, जिसमें आरोपी ने आतंकी संगठन आइएसआइएस एवं अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बात बतायी. इसके मोबाईल के टेलीग्राम एप में एक संदिग्ध चैट पाया गया. जिसके बारे में पूछने पर इसके द्वारा बताया गया कि यह एक अन्य आतंकी मो नसीम नाम के एक व्यक्ति का है. जो आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़ा हुआ है. नसीम के द्वारा ही इसे दो किताबें भेजी गयी थीं. दोनों पुस्तकें जिहाद एवं आइएसआइएस के नजरिया को बताती हैं. इसी आइडी से चैट करते हुए नसीम के द्वारा इसे आइएसआइएस संगठन का ” Bayth” भेजा गया है. ये पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के भी कई आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ सम्पर्क में है इसका लक्ष्य फिलिस्तीन जाकर फिदायीन हमला कर मस्जिद ए अल अक्सा को यहूदियों से आजाद करना है. आगे पूछताछ में इसने बताया कि यह सोशल मिडिया के माध्यम से विभिन्न आतंकी संगठनों का प्रतिबंधित वीडियो इत्यादि देखकर अपने साथियों में इसका प्रचार भी करने लगा. इसी क्रम में वर्ष 2020 से ही यह Facebook के माध्यम से कई कश्मीरी युवक-युवतियों के भी सम्पर्क में आया. जिसकी जांच में एटीएस जुट गई है. वहीं दोनों आतंकियों के खिलाफ आइपीसी ओर यूएपी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
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