West Bengal: 22 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बर्खास्त करने का आदेश, HC ने कहा- इनकी नियुक्ति कानूनन बरकरार रखने लायक नहीं

1 min read

New Delhi: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में 22 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति कानून की दृष्टि से टिकाऊ नहीं है और उन्हें ऐसे पदों पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. अदालत ने यह भी कहा कि यूजीसी विनियम, 2018, राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के परस्पर विरोधी प्रावधानों पर हावी रहेगा, जिसके तहत नियुक्तियां की गई थीं.

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जो कुलपति नियुक्त, पुनर्नियुक्त किए गए, जिनका कार्यकाल बढ़ाया गया या जिन्हें राज्य सरकार ने अतिरिक्त प्रभार दिया या जो न्यूनतम योग्यता नहीं रखते या जिनकी नियुक्ति उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना हुई है, वे बरकरार नहीं रखे जा सकते. इसलिए, उन्हें कुलपति के रूप में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. पीठ ने पश्चिम बंगाल में 22 सरकारी विवि में कुलपतियों की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति, कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर अपने फैसले में यह बात कही.

कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति की पुनर्नियुक्ति, जिसे भी जनहित याचिका में चुनौती दी गई थी, को पहले ही हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखा है. पीठ ने कहा कि यह आवश्यक है कि कुलपति की नियुक्ति कानून के प्रावधानों के अनुसार सख्ती से की जानी चाहिए.

इसे भी पढ़ें: 

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours