Chakradharpur: चक्रधरपुर विधायक सह जेएमएम जिलाध्यक्ष सुखराम उरांव के फर्जी लेटर हेड और हस्ताक्षर कर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखे जाने और चाईबासा डीआरडीए कर्मी अजय यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस संबंध में लिखे गए पत्र में अजय यादव पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग कथित तौर की गई है.
मामले की जानकारी मिलते ही विधायक सुखराम उरांव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अपने पत्र में विधायक ने लिखा है कि उक्त पत्र उनके द्वारा नहीं लिखा गया है और उन्होंने ऐसी कोई भी मांग किसी ने नहीं की है. पत्र में लिखे गये शब्द ना तो मेरे हैं और ना ही लेटर पेड और हस्ताक्षर ही मेरे हैं. ऐसे किसी भी आधिकारिक पत्र में हमेशा उनके कार्यालय की ओर से अधिकृत पत्रांक संख्या और निर्गत किये जाने की तिथि आवश्यक रूप से अंकित होती है. ऐसे में इस फर्जी पत्र के जरिए उनके पद एवं प्रतिष्ठा को गलत तौर पर वरीय पदाधिकारियों के समक्ष दर्शाने का कुंठित दुस्साहस किया गया है.
उन्होंने लिखा है कि माननीय विधायक के साथ साथ वह पश्चिमी सिंहभूम झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी हैं. ऐसे में आए दिन संगठन के व्यापक हित में जिला भ्रमण करते हैं तो इस फर्जी पत्र के जरिए साजिशन मेरे पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर मेरे व्यक्तिगत, राजनीतिक और सामाजिक छवि को धुमिल करने का प्रयास किया गया है. ऐसे में सभी बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए फर्जी पत्र लिख कर साजिश रचने वालों की पहचान की जाए विशेषकर मुख्य सचिव के गोपनीय कोषांग में पत्र प्राप्त कराने की तिथि के CCTV कैमरे से करते हुए जांचोपरांत आवश्यक कड़ी कार्रवाई करने की पहल हो. पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव और उपायुक्त को भी दी गई है.
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