खूंटी में प्राकृतिक छटाओं के बीच भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने किया अर्घ्यदान 

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Khunti: पंचघाघ जलप्रपात की प्राकृतिक छटाओं के बीच कलकल बहती बनई नदी के छठ घाट पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. हजारों की संख्या में आए लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ्यदान किया.

रविवार की शाम पंचघाघ परिसर में अविरल बहती नदी, सदियों से अडिग पहाड़ों और साल के वृक्षों के बीच से डूबते सूर्यदेव की सुंदरता देखते ही बन रही थी। मानो छठव्रतियों की भक्ति की शक्ति से भगवान भास्कर अति प्रसन्न हो उठे हों.

रविवार को जब छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को जब अर्घ्य दे रहे थे, तो ऐसा लग रहा था कि भगवान की कृपा सारे भक्तों पर बरस रही थी

मुरहू के एकमात्र छठघाट पर उमड़ने वाली भीड़ से दूर होने के खातिर मुरहू के कुछ छठव्रतियों ने लगभग 15 सालों पहले पंचघाघ में छठ व्रत की शुरूआत की थी. लेकिन अब पंचघाघ छठघाट मुरहू के प्रमुख छठघाट का रूप लेता जा रहा है. रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उमड़ी भीड़ शायद यही कह रही थी.

इस वर्ष मुखिया मरियम होरो के मार्गदर्शन में युवाओं व समाजसेवियों ने पंचघाघ छठघाट की सजावट में कोई कसर नहीं छोड़ी.मुरहू के बीडीओ और थाना प्रभारी के साथ सुशील सोय, बाबा द ढ़ाबा के संचालक अनिल गोप, रिंकू महतो, पुरेंद्र हजाम, रंजीत महतो, प्रदान संस्था के विजय कुमार बीरू व दीपा कुमारी, रमेश गोप, मोटू हजाम, सुधीर महतो समेत कई अन्य समाजसेवियों ने सामुदायिक प्रयास से पंचघाघ को सजाने व संवारने का काम किया.

पंचघाघ के मुख्य द्वार को आकर्षक ढ़ंग से सजया गया। रास्ते में वेपर लाईट लगाए गए। तो छठघाट के पास दो प्रवेश द्वारा बिजली की रंगीन लरियां, गेंदा फुल के मालाओं से पंचघाघ को आकर्षक ढ़ंग से सजया गया, जो प्रकृति का श्रृंगार करने जैसा था.

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