चंपाई सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के बदले जाने के संकेत! अब विधायकों की मंगलवार को रांची वापसी की उम्मीद

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Ranchi: चंपाई सोरेन सरकार में मंत्रियों के चेहरे बदले जाने की बातें अब जोर पकड़ने लगी हैं. खासकर कांग्रेस कोटे की. दिल्ली में जमे कांग्रेसी विधायकों की मानें तो ऐसा होना तय है. और बदलाव एक-दो चेहरों को लेकर नहीं, सभी चारों मंत्रियों को लेकर है. इनमें विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल का नाम शामिल है.

पार्टी के नाराज विधायकों की मानें तो मंत्रियों के चेहरे बदले जाने के संबंध में वे आश्वस्त हैं. इस संबंध में पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रभारी और मध्य प्रदेश में प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार से मंगलवार को भी भेंट हुई. इसके बाद पार्टी विधायकों ने मीडिया को फोटो जारी करते आस जतायी है कि जल्द ही मंत्रियों को बदला जायेगा. साथ ही उमंग से मिले आश्वासन के बाद वे अब मंगलवार को शाम तक रांची वापस लौटेंगे.

बदलाव की है उम्मीद

विधायक इरफान अंसारी ने दिल्ली में मंगलवार को उमंग से हुई भेंट के बाद मीडिया को फोटो जारी करते बताया है कि बदलाव के संकेत हैं. निश्चित तौर पर सरकार में कुछ चेहरे बदले जाने की उम्मीद है. मंत्रालय और संगठन में भी भारी बदलाव होंगे. विधायक राजेश कच्छप ने न्यूजविंग से बातचीत में स्वीकार करते कहा कि आलाकमान से मिले फीडबैक के आधार पर उमंगजी ने ठोस आश्वासन दिया है. बदलाव की गुंजाइश बनती दिख रही है. अब पार्टी विधायक मंगलवार की देर शाम तक रांची वापस लौटेंगे.

मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी

गौरतलब है कि कांग्रेस कोटे से चार विधायकों रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल और बन्ना गुप्ता को चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री पद दिया गया. ये सभी हेमंत सोरेन की सरकार में भी मंत्री थे. इन चारों को फिर से मंत्री बनाए जाने के बाद से पार्टी के अन्य विधायकों में नाराजगी दिखी. इसके बाद एक दर्जन विधायक रांची में ही सर्किट हाउस से लेकर एक होटल में जुटकर रणनीति बनाने में जुटे. इसके बाद 8 विधायक आलाकमान के पास अपनी बात रखने को दिल्ली निकल गये.

इसके बाद से प्रदेश प्रभारी जीए मीर के अलावा पूर्व प्रभारी उमंग सिंघार से उनकी लगातार बातें होती रही. विधायकों की शिकायत थी कि मंत्री उन सबों का और पार्टी कार्यकर्ताओं का फोन भी रिसीव नहीं करते. पार्टी के मंत्रियों के रहते भी अफसरशाही हावी है. मंत्री रहते उनका परफॉर्मेंश भी बढ़िया नहीं रहा है. इससे क्षेत्र में जनता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना उन्हें करना पड़ रहा है. चंपाई सरकार में मंत्री पद का नाम फाइनल करते समय उन्हें भरोसे में भी नहीं लिया गया.

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