जानिए धनबाद के उस कांग्रेस उम्मीदवार को जिसे मिला है राजनीति में वाइल्ड कार्ड एंट्री, नाम है अनुपमा सिंह

Akshay Kumar Jha

Ranchi: आखिरकार कांग्रेस ने बाकी बचे चार में से तीन लोकसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर ही दी. रांची फिलहाल बचा हुआ ही है. कांग्रेस के पुख्ता सूत्रों की माने तो रांची की लोकसभा सीट झारखंड सरकार के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को जाती दिखायी दे रही है. हालांकि बन्ना और विवाद एक दूसरे के पूरक रहे हैं. खैर, फिलहाल बात हो रही है धनबाद लोकसभा की. धनबाद लोकसभा में इस बार सिर्फ कांग्रेस ने ही नहीं, बल्कि बीजेपी ने भी सभी को चौंकाया है. ढुल्लू महतो को टिकट देकर एक ऐसा माहौल बनाया गया जिसका नतीजा ‘विरोध’ है. विरोध पार्टी के लोग ही नहीं बल्कि गैर बीजेपी वाले भी कर रहे हैं. लेकिन लगातार कई सालों से धनबाद लोकसभा की सीट पर बीजेपी की जीत की वजह से ढुल्लू कॉन्फिडेंट हैं. यहां तक कि राजनीति में धुरंधर माने-जाने वाले  सरयू राय का भी मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं. बात यह भी हो रही है कि सरयू राय ढुल्लू का विरोध कर रहे हैं, या अपने पुराने साथी और परम दुश्मन फलां जी का. जो अब कहीं महामहिम बने बैठे हैं.

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जानिए वाइल्ड कार्ड एंट्री मारने वाली अनुपमा सिंह को

बिहार और झारखंड में मंत्री रहे. कोल इंडिया की राजनीति के महारथी. बिहार-झारखंड कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाने वाले राजेंद्र सिंह को किसी की पहचान की जरूरत नहीं. उन्हीं की बड़े बेटे की पत्नी हैं अनुपमा सिंह. बड़े बेटे जयमंगल सिंह उर्फ अनुप सिंह बेरमो विधानसभा से विधायक हैं. परिवार की राजनीति विरासत फिलहाल इन्हीं के पास है. छोटे भाई कुमार गौरव एक स्मार्ट और तेज तर्रार लीडर होने के बावजूद धनबाद लोकसभा की टिकट लेने में कामयाब नहीं हो पाए. शायद राजनीतिक समीकरण उनके आड़े आ गयी हो. अनुपमा सिंह का जन्म 19.09.1985 को बोकारो में हुआ. बोकारो धनबाद लोकसभा में ही आता है. उनके पिता स्वास्थय विभाग में अपनी सेवा दे रहे हैं. वो बिहार सरकार के कर्मी हैं. फिलहाल बिहार के ही किसी जिले में बतौर सिविल सर्जन अपनी सेवा दे रहे हैं. उनकी मां का नाम आशा सिंह है. उनकी पढ़ाई की बात की जाए तो उन्होंने महादेव की नगरी बनारस से अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने डेंटल, वेटनरी और होमियोपैथ की पढ़ाई के लिए क्वालीफाई भी किया. आगे की पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन के लिए पटना के नामी वुमेंस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई शुरू की. लेकिन किसी वजह से ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर पायीं. पिता का पैतृक आवास आरा जिला है. लेकिन मां बोकारो की बेरमो अनुमंडल से हैं.

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हाउस वाइफ अब सीधा राजीतिक अखाड़े में

राजेंद्र सिंह के परिवार से अभी तक किसी महिला ने राजनीति में अपना दखल नहीं दिखाया था. उनके जीवित रहने तक उनके दोनों बेटे जयमंगल सिंह और कुमार गौरव यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के कई पदों पर रहे. उनके गुजरने के बाद जयमंगल सिंह को पिता की राजनीतिक विरासत मिली. बेरमो विधानसभा के उपचुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की. साथ ही कोल इंडिया की राजनीति में भी वो अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. वहीं कुमार गौरव बिना किसी पद के कांग्रेस में सक्रिया राजनीति करते रहे. फिलहाल वो झारखंड सरकार में युवा आयोग के अध्यक्ष हैं. जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह अचानक से राजनीति में आयी हैं. धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़कर वो एक बड़ी जिम्मेदारी को निभाने की कोशिश करेंगी. यह चुनाव सिर्फ अनुपमा सिंह के लिए ही नहीं बल्कि स्व. राजेंद्र सिंह के परिवार के लिए चुनौती भरा है. राजनीति के अलावा अनुपमा सिंह की दूसरी जिम्मदारी की बात की जाए तो उनके और अनुप सिंह के तीन संतान हैं. पहली बेटी अनाया सिंह 12वीं की स्टूडेंट हैं. दूसरी बेटी अश्मिता सिंह 10वीं में पढ़ाई कर रही हैं. तो सबसे छोटा बेटा लिटिल मास्टर युवराज सिंह राठौर सेकेंड स्टैंडर्ड में है.

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