झारखंड में पहली बार बहुत कुछ होते दिख रहा, एक जनवरी से CMO में भी फर्स्ट टाइम नियुक्त हो जाएंगे प्रधान सचिव रैंक के दो-दो अधिकारी

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Akshay Kumar Jha

Ranchi: झारखंड में फिलहाल ऐसा काफी कुछ देखने को मिल रहा है, जो 23 सालों के सफर में पहली बार हो रहा है. यहां की राजनीतिक परिस्थितियों की बात करें तो हालात काफी चौंकाने वाले हैं. झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ कि पद पर रहते हुए किसी सीएम को ईडी की तरफ से आठ बार पूछताछ के लिए समन भेजा गया हो. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन सिर्फ एक बार ही ईडी कार्यालय पहुंचे. इसके अलावा ईडी गवाहों को बयान बदलने के आरोपों का सामना कर रहे साहिबगंज एसपी नौशाद आलम की बात करें या उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह की. इनमें से कोई भी ईडी के समन के बाद अपनी हाजिरी नहीं दे रहा है. ऐसा शायद पहली बार ही देखने को मिला है.
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इधर पहली बार ही देश के किसी सांसद (धीरज साहू, सांसद कांग्रेस) के यहां से करीब 400 करोड़ नकद रुपए मिले हैं. पहली बार ही राज्य के सबसे लंबे अरसे (तीन साल और आठ महीना) तक मुख्य सचिव के पद पर काबिज रहे सुखदेव सिंह को रिटायरमेंट से सिर्फ तीन महीने पहले तबादला कर दिया जाता है. ऐसा काफी कुछ झारखंड में पहली बार देखने को मिल रहा है. जो इससे पहले नहीं हुआ.

CMO में पहली बार दिखेंगे प्रधान सचिव रैंक के दो-दो अधिकारी

आने वाले दिनों में झारखंड के सचिव रैंक के तीन अधिकारी का प्रमोशन प्रधान सचिव रैंक में होना है. इनमें सुनिल कुमार, विनय चौबे और राहुल पुरवार शामिल हैं. इन तीनों आईएएस अधिकारियों में से विनय चौबे के सीएमओ में सचिव पद पर हैं. विनय चौबे के पास इनके अलावा नगर विकास विभाग, उत्पाद विभाग के सचिव पद का प्रभार है साथ ही वो जुडको और जीआरडीए के एमडी भी हैं. एक जनवरी को उनका प्रमोशन प्रधान सचिव रैंक में हो जाना है.

सीएमओ में पहले से ही आईएएस अधिकारी वंदना डाडेल प्रधान सचिव के पद पर हैं. विनय चौबे सीएमओ में फिलहाल सचिव के पद पर हैं. उन्हें प्रमोशन मिलते ही वो भी सीएमओ में प्रधान सचिव रैंक के अधिकारी हो जाएंगे. ऐसे में एक जनवरी से सीएमओ में दो-दो प्रधान सचिव रैंक के अधिकारी हो जाएंगे. जो झारखंड की इतिहास में पहली होगा.

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