झारखंड सहायक पुलिस की सेवा बहाल रखने के लिये नहीं मिला निर्देश, 97 कर्मी सेवा मुक्त

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Ranchi : दुमका जिले में तैनात 97 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. सहायक पुलिसकर्मी की सेवा बहाल रखने के लिये दुमका एसपी ने अनुशंसा भेजा था, लेकिन सेवा जारी रखने के लिये कोई निर्देश नही मिलने के बाद अनुबंध अवधि पूरा होने पर बीते बुधवार से सेवा समाप्त कर दिया गया.

झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा इसी वर्ष पांच साल पूरी होने वाली है. नियुक्ति के समय गृह विभाग ने यह शर्त रखी थी, अधिकतम पांच साल से अधिक इनकी सेवा नहीं ली जा सकती है. हालांकि जिलों ने राज्य सरकार से दिशा-निर्देश की मांग करते हुए  कहा  कि  नियुक्त अधिकांश सहायक पुलिस की सेवा समाप्त हो रही है. ऐसे में अब इनके लिये मार्गदर्शन दिया जाये. लेकिन सरकार के तरफ से  अबतक निर्दश नही मिल सका, जिसके कारण बुधवार को 97 कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई.

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बता दें कि राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों से कुल 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई थी. सरकार द्वारा 10 हजार का मानदेय तय किया गया था. गृह विभाग के अधिसूचना संख्या-1169, दिनांक-27.02.2017 की कंडिका 10(क) में अधिसूचना सेवाशर्त के अनुसार सहायक पुलिसकर्मी की सेवा दो वर्ष के लिये अनुबंध के आधार पर हुई थी. कार्य संतोषप्रद होने पर एसएसपी और एसपी के अनुशंसा के आधार पर एक एक वर्ष के लिये अधिकतम तीन वर्षो के लिये संबंधित डीआईजी के अनुमोदन के उपरांत विस्तारित करने का प्रावधान था. गृह विभाग के पत्र में लिखा है किसी भी परिस्थिति में कुल अनुबंध सेवा अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी.

सरकार स्तर पर मामला है विचाराधीन

12 नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा के आधार पर बहाल 2,500 सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर सितंबर 2021 में मोरहाबादी मैदान में आंदोलन पर थे. झारखंड की हेमंत सरकार से बात के बाद 37 दिनों से राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे झारखंड सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन समाप्त करने पर सहमति बनी थी. आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच वार्ता हुई. इस बातचीत में सरकार की ओर से आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा, गृह विभाग के अपर सचिव अंजनी डोडे, रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और सिटी एसपी सौरभ मौजूद थे. एसएसपी कार्यालय में चली वार्ता में आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से सौंपे गये मांग पत्र में शामिल बिन्दुओं पर चर्चा हुई, जिसमें सीधी स्थायी नियुक्ति की मांग को छोड़ कर अन्य 8 मांगों के समाधान के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन पर सहमति बनी.

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