Ranchi: पूर्व सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर तंज कसा है. सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात रखते कहा है कि हेमंत सोरेन अपने नाकामियों के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. हेमंत को कभी अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए. बाबूलाल के मुताबिक पिछले चार सालों से हेमंत ने झारखंड के ब्यूरोक्रेसी को पंगु बना दिया है. अधिकारियों से खनन घोटाला, जमीन घोटाला, शराब घोटाला और फ़र्जी केस मुकदमे दर्ज करवा कर उन्हें अपने काले साम्राज्य का सहभागी बनाया है.
जनता को हिसाब देने की बजाए बहाना
बाबूलाल मरांडी के अनुसार अब जनता पिछले चार साल के कामों का हिसाब हेमंत सरकार से मांग रही है। ऐसे में अब हेमंत ब्यूरोक्रेट्स पर अपने नकारेपन का ठीकरा फोड़ रहे हैं। ‘यूज एंड थ्रो’ पॉलिसी में माहिर हेमंत सोरेन के षड्यंत्रों से ब्यूरोक्रेसी को सतर्क रहने की जरूरत है। बाबूलाल ने ब्यूरोक्रेट्स को सावधान करते यह भी कहा है कि ऐसा जरूरी है। अन्यथा कहावत तो सबने सुन रखी होगी ‘बैल का बैल गया, नौ हाथ का पगहा भी गया’।
हेमंत की ब्यूरोक्रेट्स से काम करने की अपील
गौरतलब है कि 6 नवंबर को प्रोजेक्ट भवन में अबुआ बीर दिशोम अभियान की शुरुआत की थी. इस दौरान उपस्थित अधिकारियों, जिलों के डीसी और अन्य से अपील करते कहा था कि दूसरे राज्य के ब्यूरोक्रेट्स काम कर सकते हैं तो यहाँ के क्यों नहीं। झारखंड में 2006 से ही वन अधिकार कानून 2005 लागू है। पर यहाँ अबतक इस अधिनियम को कूड़े में डालकर रखा गया। इसी वजह से इस अभियान को चलाने की जरूरत पड़ रही है। राज्य में दूसरे राज्यों की तुलना में 30 फीसदी वन क्षेत्र हैं। बावजूद इसके यहाँ वन अधिकार पट्टा देने में हम पीछे हैं। दूसरे राज्यों में भी आइएएस, आइपीएस, आइएफएस अधिकारी हैं और वहाँ काम अच्छा हो रहा है तो झारखंड में क्यों नहीं।
+ There are no comments
Add yours