राज्यपाल से मिल कर बाबूलाल मरांडी ने दी राज्य में संवैधानिक संकट की दुहाई, कहा- गांडेय उपचुनाव कठिन, लें विधि सम्मत निर्णय

1 min read

Ranchi : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भेंट की. अपने स्तर से उन्होंने राज्य में संवैधानिक संकट का मसला रखा. साथ ही, पिछले दिनों गांडेय सीट (अब रिक्त) पर उपचुनाव के मसले पर इलेक्शन कमिशन से निर्देश लेकर विधि सम्मत एक्शन लेने की अपील की. इस संबंध में उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा. उस दौरान उनके साथ पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी बालमुकुंद सहाय औऱ प्रदीप वर्मा भी मौजूद थे.

सरकार खड़ा कर रही संवैधानिक संकट

राजभवन से बाहर निकलने पर मीडिया को जानकारी देते बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले दिनों वे राज्यपाल को नव वर्ष की शुभकामनाएं देने आये थे पर वे 3 जनवरी को रांची से बाहर निकल गये. इस दौरान उनके स्तर से गांडेय में अब चुनाव नहीं कराये जाने के संबंध में पत्र भी भेजा था, जिसका आज उन्हें स्मरण कराया गया. उनसे निवेदन करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार जान बूझ कर राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा करने पर लगी है. सरफराज अहमद को गांडेय सीट से रिजाइन कराया. अफऱा तफरी में विधायकों की बैठक भी बुलायी. चूंकि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में अब एक साल से भी कम समय है. ऐसे में गांडेय में अब उप चुनाव संभव नहीं. इस संबंध में एक मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय दिया है. यहां इस वर्ष दिसंबर में चुनाव होंगे. ऐसे में अक्टूबर-नवंबर में आचार संहिता भी लागू हो जायेगी. इस स्थिति को देखते चुनाव कराना गैर संवैधानिक होगा. इस मामले को इलेक्शन कमिशन को भेजें.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यपाल ने पूरी बात सुनी है. उनसे उम्मीद है कि वे विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरफराज अहमद को रिजाइन क्यों कराया गया. सामान्यतः दो ही स्थिति होती. या तो सरफराज के साथ पार्टी का कोई झगड़ा, विवाद हो. पर ऐसा तो नहीं दिखा. वे विधायक दल की बैठक में भी बैठे. स्वस्थ भी दिखे. दूसरा यह कि कोई देश छोड़ कर कहीं बाहर जाना चाहे या पूरी तरह से बीमार हो गया हो पर ऐसा सरफराज के मामले में तो नहीं है. ऐसे में उनका रिजाइन कराना सवाल खड़े करता है. जैसे बिहार में लालू प्रसाद ने जेल जाते-जाते अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाया, उसी तर्ज पर यहां के सीएम करनेवाले थे. झामुमो ने इलेक्शन कमिशन को गांडेय में चुनाव के लिए मेमोरेंडम दिया. तर्क दिया जो गलत हैं. चुनाव संपन्न (मतदान, मतगणना) होते ही रिटर्निंग अफसर इलेक्शन कमिशन को पूरी रिपोर्ट (विनर कैंडिडेट, पार्टी वगैरह) भेजते हैं. उसी समय से असेंबली गठित मान ली जाती है. ऐसा नहीं कि सरकार ने इस दिन शपथ ली या काम शुरू किया.

इसे भी पढ़ें – 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours