वर्षांतः झारखंड में लिफाफा, समन या वारंट… सबसे ज्यादा इसी बात पर चर्चा, इधर- केजरीवाल, लालू और तेजस्वी ने भी ईडी को किया इग्नोर 

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Akshay Kumar Jha

Ranchi: 2023 के गिने-चुने दिन बच गए हैं. सूबे का मौसम बड़ा सुहावना हो रहा है. सर्दी में गिरावट है और धूप खिलकर हो रही है. ऐसे में कभी धूप सेंकते तो कभी अलाव तांपते लोग साल के अंत में कुछ बातों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. बात हो रही है कि झारखंड की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा. साल के आखिरी दिनों में या फिर नए साल के शुरुआती हफ्ते में क्या कुछ ऐसा देखने को मिलेगा? जिससे सत्ता के गलियारे से लेकर विपक्ष के कार्यालय तक राजनीति की तपिश बढ़े. जिस तरीके से साल भर ईडी और सीएम हेमंत सोरेन की स्टोरी चली है, उससे कयासों का बाजार गर्म है.
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सभी अपने सूत्र खंगालने में लगे हैं कि आखिर क्या होगा. क्या ईडी फिर से एक बार सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजेगा. या फिर ईडी पीएमएलए कोर्ट में हेमंत की गिरफ्तारी के लिए अर्जी दाखिल करेगा. इन दोनों बातों के अलावा एक बार फिर से राजभवन से लिफाफा का गौसिप वाला जिन्न बाहर आया है. बातें हो रही है कि शायद लिफाफा का गोंद थोड़ा कमजोर पड़ा है. शायद खुल भी जाए. इन बातों में कितनी सच्चाई है, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि तो नहीं हुई है, बस चर्चा का बाजार गर्म है.

हेमंत के बाद अब केजरीवाल, लालू और तेजस्वी ने भी ईडी को किया इग्नो

झारखंड के एक आला अधिकारी से बार-बार पूछने पर कि क्या होगा ईडी का अगला कदम. उन्होंने बड़े प्यार से समझाया कि अगर कोई ईडी के पास जा ही नहीं रहा है, तो आप ही ईडी कार्यालय घूम आओ. खैर ये सब बात अब अमूमन चाय पर चर्चा की तरह हो गयी है. मूल बात यह हो रही है कि ईडी की जो दहशत कुछ दिनों पहले थी, अब उसमें भारी गिरावट देखने को मिल रहा है. वजह दिग्गज नेताओं का ईडी के सामने पेश ना होना है.
हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी ईडी के दो समन को इग्नोर कर चुके हैं. ईडी ने फिर से तीसरा समन केजरीवाल को भेजा है. उन्हें शराब घोटाले मामले में पूछताछ के लिए फिर से दो जनवरी को ईडी कार्यालय आने को कहा गया है. लेकिन फिलवक्त सूरत-ए-हाल देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि केजरीवाल फिर से समन को इग्नोर कर सकते हैं.
वहीं जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए 27 दिसंबर को दिल्ली कार्यालय बुलाया था. लेकिन वो हाजिर नहीं हुए. वहीं उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने भी ईडी के समन को तबियात का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए हाजिर होने से इग्नोर किया. इससे चर्चा का बाजार और गर्म हुआ है. कहा जा रहा है कि हेमंत जब छह बार ईडी के समन पर हाजिर नहीं हुए हैं, तो अभी केजरीवाल, तेजस्वी और लालू तो उनसे काफी पीछे हैं.

राजा तो राजा उनके सिपहसलार भी ईडी के समन पर नहीं हुए हाजिर

मामला काफी बड़ा है. ईडी सूबे के मुखिया को समन कर रहा है और देश के तीन राज्यों में ईडी के समन पर राजा की गद्दी पर बैठा शख्स ईडी के समन को इग्नोर कर रहा है. लेकिन झारखंड में मामला और खराब है. यहां ईडी के समन पर राजा ही नहीं बल्कि उनके सिपहसलार भी इग्नोर मार दे रहे हैं या नियमों का हवाला देकर पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रहे हैं. साहिबगंज के तत्कालीन एसपी नौशाद आलम और उत्पाद विभाग के ज्वाइंटी कमिश्नर गजेंद्र सिंह भी ईडी के समन पर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए. जिसे लेकर कई तरह की बातें लोगों के बीच हो रही है.

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