India Crypto Taxation 2023: सभी सवालों के जवाब

क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 2010 में हुई थी, और तब से लेकर 2022 तक भारतीय सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं थे कि क्रिप्टो पर टैक्सेशन कैसे लागू होगा।

क्या 2010 से 2022 तक कोई टैक्स नहीं था?
कई लोग सोचते हैं कि उन वर्षों में सरकार ने क्रिप्टो पर टैक्स लागू नहीं किया था, इसलिए हमें टैक्स देने की जरूरत नहीं थी।

इंडियन इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, यदि आप 182 दिन या उससे अधिक भारत में रहते हैं, तो आपकी ग्लोबल इनकम पर टैक्स लागू होता है।

मतलब अगर आपने किसी भी तरह से, चाहे क्रिप्टो से, मर्डर से, किडनैपिंग से, या किसी भी अवैध तरीके से भी कमाई की है, तो उस पर भी टैक्स देना अनिवार्य है।

क्रिप्टो में कमाई करना तो फिर भी एक सही तरीका है, इसलिए उस पर टैक्स देना जरूरी है।

2022 के बाद क्रिप्टो पर टैक्सेशन में क्या बदलाव हुए?

बजट 2022 में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि:

फ्लैट 30% टैक्स लगेगा, चाहे आपकी इनकम कितनी भी हो।

कोई स्लैब रेट का बेनिफिट नहीं मिलेगा।

कोई लॉस ऑफसेट नहीं होगा – मतलब अगर आपको एक ट्रांजैक्शन में नुकसान हुआ है और दूसरे में प्रॉफिट, तो आप दोनों को सेट-ऑफ नहीं कर सकते।

हर एक ट्रांजैक्शन को अलग-अलग दिखाना पड़ेगा।

अगर आपका ट्रांजैक्शन लॉस में है, तो उसे ज़ीरो माना जाएगा और प्रॉफिट पर फ्लैट 30% टैक्स लगेगा।

क्या BTC और USDT के बीच एक्सचेंज पर टैक्स लागू होता है?
सरकार के नियम के अनुसार, क्रिप्टो से क्रिप्टो ट्रांसफर भी टैक्सेबल माना जाता है।

BTC से USDT या Ethereum में बदलना भी एक “ट्रांसफर” माना जाएगा, और उस पर टैक्स लागू होगा।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ INR में विड्रॉल करने पर ही टैक्स लगेगा, क्रिप्टो के रूपांतरण पर भी टैक्स देना जरूरी है।

TDS की उलझन:
1 जुलाई 2022 से सरकार ने 1% TDS लागू किया है।

अगर आप किसी एक्सचेंज पर ट्रेड कर रहे हैं, जो FIU-Compliant है, तो वह एक्सचेंज अपने आप TDS काटेगा।

लेकिन अगर आप P2P (Peer-to-Peer) ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, तो TDS काटना आपकी जिम्मेदारी है।

प्रैक्टिकली यह मुश्किल है, क्योंकि कई बार सामने वाले व्यक्ति का PAN या आधार कार्ड नहीं मिलता।

अगर आप TDS काट भी देते हैं, लेकिन वह व्यक्ति PAN से लिंक नहीं है, तो 20% का नोटिस आ सकता है।

एयरड्रॉप और क्रिप्टो रिवॉर्ड्स पर टैक्स:
अगर आपको एयरड्रॉप के रूप में क्रिप्टो मिला है और उसकी खरीद कीमत ₹0 है, तो जो भी मार्केट वैल्यू होगी, उस पर 30% टैक्स देना होगा।

उदाहरण के लिए: अगर आपको ₹100 का क्रिप्टो फ्री में मिला और आपने उसे बेचा, तो पूरे ₹100 पर 30% टैक्स देना अनिवार्य है।

फॉरेन कंपनी से क्रिप्टो में सैलरी मिले तो क्या करें?

अगर कोई विदेशी कंपनी आपको क्रिप्टो में सैलरी दे रही है, तो वह इनकम भी क्रिप्टो हेड में आएगी।

उस पर भी फ्लैट 30% टैक्स लगेगा, और इसे सैलरी हेड या बिजनेस हेड में नहीं दिखा सकते।

Futures & Options (F&O) में क्रिप्टो ट्रेडिंग:

सेक्शन 43(5) के अनुसार, बिना डिलीवरी के होने वाली सभी ट्रेड्स स्पेक्युलेटिव इनकम मानी जाती हैं।

इस पर भी 30% फ्लैट टैक्स लगेगा, और कोई खर्चा या ऑफसेट क्लेम नहीं किया जा सकता।

क्रिप्टो के F&O को अभी तक SEBI द्वारा मान्यता नहीं मिली है, इसलिए इसे स्पेक्युलेटिव इनकम ही माना जाएगा।

टीडीएस काटने का तरीका (P2P ट्रांजैक्शन में):
अगर आप P2P में BTC से USDT खरीदते हैं, तो आपको BTC की उस दिन की मार्केट वैल्यू पर 1% TDS काटना होगा।

जो खरीददार है, उसे TDS काटना जरूरी है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग:
1 अप्रैल 2023 के बाद टैक्स रिटर्न फाइलिंग का समय शुरू होने वाला है।

सभी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री डाउनलोड कर लें ताकि सही तरीके से कैलकुलेशन की जा सके।

हम Koinly Software का उपयोग करते हैं, जिससे डेटा आसानी से इनकम टैक्स फॉर्मेट में आ जाता है।

निष्कर्ष:

क्रिप्टोकरेंसी पर 2022 के बाद से सरकार ने टैक्सेशन के नियम काफी सख्त कर दिए हैं। हर ट्रांजैक्शन पर 30% टैक्स अनिवार्य है, चाहे प्रॉफिट हो या लॉस। टीडीएस की जिम्मेदारी भी अब ट्रेडर्स पर आ गई है।

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