तमिलनाडु ने रोके गए ₹2,200 करोड़ फंड पर किया Centre पर Article 131 के तहत मामला दायर

 

चेन्नई, 9 जून 2025: तमिलनाडु सरकार ने Union of India के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में Original Suit दर्ज कर Article 131 के तहत सुनवाई की मांग की है। मामला Sarva Shiksha Scheme अंतर्गत मिलने वाले अनुदान से जुड़ा है, जिसे नई शिक्षा नीति (NEP – National Education Policy) को लागू न करने के आधार पर केंद्र सरकार ने रोक रखा है।

तमिलनाडु की ओर से पेश Senior Advocate ने बताया कि केंद्र ने लगभग ₹2,200 करोड़ के PM Shree School फंड को तब तक रिलीज़ नहीं करने की बात कही है, जब तक राज्य पूरी तरह NEP को लागू नहीं करता। राज्य का तर्क है कि इस राशि के बिना PM Shree School के तहत लाभार्थी संस्थानों की सुसंगत प्रगति ठप पड़ेगी और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलने का खतरा बढ़ जाएगा।

कोर्ट की दो-न्यायाधीशीय बेंच ने Interim Relief की मांग पर तीन प्रमुख 기준—(1) Emergency; (2) Irreparable Damage; और (3) अनुदान रोकने से उत्पन्न होने वाली गंभीर बाधाएँ—को परखा। बेंच ने राज्य से पूछा कि एक वर्ष से रोके गए फंड में अति आवश्यक रुचि या imminent threat कहाँ है। राज्य ने स्वीकार किया कि रोक पिछले वर्ष से जारी है, इसलिए “अभी कोई अर्जेंसी नहीं” बनती।

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल Interim Order देने से इनकार करते हुए मामला Full Court के समक्ष भेजने का निर्णय लिया है। Chief Justice अगली कार्यवाही के लिए पाँच जजों की बेंच बनाएँगे, जो Constitution Interpretation और Centre–State वित्तीय विवाद पर अंतिम uitspraak देंगी।

प्रमुख बिंदु:

  • Article 131: केवल Union और State Governments के बीच substantive questions of law पर लागू होता है।

  • NEP (National Education Policy): 2020 में लागू, जिसमें three-language policy, work-based learning और flexible सत्र-विभाजन की व्यवस्था है।

  • Sarva Shiksha Scheme / PM Shree School: NEP के तहत स्कूलों को मिलने वाले विशेष फंड, कुल मिलाकर लगभग ₹2,200 करोड़।

  • अगला चरण: Full Court में केस की सुनवाई; five-judge bench गठन।

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