ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय हवाई अड्डों पर काम कर रही तुर्की फर्म की सुरक्षा मंजूरी रद्द
नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ा कदम उठाते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारतीय हवाई अड्डों पर कार्यरत एक प्रमुख तुर्की फर्म की सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) रद्द कर दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कड़ा फैसला
“ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार किया था। इसके बाद भारत सरकार ने देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के उद्देश्य से विदेशी कंपनियों की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की। इसी क्रम में तुर्की की इस फर्म पर भी कड़ी नज़र रखी गई।
सूत्रों के अनुसार, इस तुर्की फर्म के भारतीय हवाई अड्डों पर संचालन को लेकर कुछ संदिग्ध गतिविधियां सामने आई थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इन गतिविधियों की जांच करते हुए सुरक्षा मंजूरी को रद्द करने का निर्णय लिया।
हवाई अड्डों की सुरक्षा पर कड़ा पहरा
इस फैसले के बाद देश के कई बड़े हवाई अड्डों पर सुरक्षा उपाय और भी कड़े कर दिए गए हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अतिरिक्त सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे को तुरंत रोका जा सके।
तुर्की फर्म की भूमिका पर सवाल
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, तुर्की की यह फर्म भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग, लॉजिस्टिक्स और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रही थी। अब इस फर्म की भूमिका की जांच की जा रही है कि कहीं इसके जरिए कोई संदिग्ध गतिविधि तो नहीं चल रही थी।
सरकार की सख्त कार्रवाई
भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी विदेशी फर्म या संस्था द्वारा भारत के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर संचालित गतिविधियों की पूरी जांच होगी।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भारतीय हवाई अड्डों पर संचालित अन्य विदेशी फर्मों की भी गहन जांच की जाएगी। इस कदम से यह साफ हो गया है कि भारत अब अपनी आंतरिक सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का समझौता करने के मूड में नहीं है।
“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत ने न केवल सीमा पार बल्कि अपनी आंतरिक सुरक्षा पर भी कड़ा रुख अपनाया है। तुर्की फर्म की सुरक्षा मंजूरी रद्द करना इसी का एक मजबूत संकेत है।