रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई डीजीपी नियुक्ति नियमावली और अनुराग गुप्ता की डीजीपी पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने सरकार का पक्ष सुना।
हालांकि इस मामले में प्रतिवादियों की ओर से अभी तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए एक और अवसर प्रदान किया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर की गई इस याचिका में डीजीपी नियुक्ति नियमावली को असंवैधानिक बताया गया है और अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने पैरवी की।
मरांडी ने कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में यूपीएससी की भूमिका को हटा दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में स्पष्ट किया गया था कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी द्वारा तैयार पैनल के आधार पर राज्य सरकार को चयन करना होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा बनाए गए नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ हैं और इस कारण यह नियमावली असंवैधानिक है, जिसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।