New Delhi: फसलों की एमएसपी की गारंटी, दो साल पूर्व हुए किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वपस लेने और लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को नौकरी और घायलों के परिजन को मुआवजा देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विभिन्न किसान संगठनों का दिल्ली कूच आज होगा. किसानों की मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर उनकी फसल की कीमत देने की भी मांग शामिल है. दिल्ली कूच का नारा देने वाले पंजाब, यूपी और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को देखते हुए पूरी दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और कई मुख्य सड़कों के ट्रैफिक को डायवर्ट भी किया गया है. दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस ने बताया है कि दिल्ली और यूपी के बीच गाज़ीपुर बॉर्डर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, बहादुरगढ़, रोहतक की ओर जाने वाले कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं.
किसानों का दिल्ली कूच रोकने के लिए केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच सोमवार देर रात तक चली मैराथन बैठक में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर बात अटक गई. हालांकि, 2020-21 में हुए आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस लेने, मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने और बिजली अधिनियम-2020 को रद्द करने पर तो सहमति बन गई, पर किसान एमएसपी का मुद्दा छोड़ने को तैयार नहीं हैं. इस पर कोई ठोस नतीजा न निकलने से किसानों ने मंगलवार को प्रस्तावित दिल्ली कूच की घोषणा कर दी.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, ‘किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई. सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले. अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा. हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है. हम आशान्वित है कि आगे बातचीत के जरिए हम समाधान निकाल लेंगे.’
किसान नेताओं ने कहा
केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं. हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.’ वहीं किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, ‘काफी देर तक बैठक चली, हर मांग पर चर्चा हुई लेकिन ये मांगें नहीं थीं, यह अलग-अलग समय पर सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं थीं.’
दिल्ली में एक महीने तक लगी रहेगी धारा 144
दिल्ली कूच का नारा देने वाले पंजाब, यूपी और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को देखते हुए पूरी दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और कई मुख्य सड़कों के ट्रैफिक को डायवर्ट भी किया गया है. दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस ने बताया है कि दिल्ली और यूपी के बीच गाज़ीपुर बॉर्डर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, बहादुरगढ़, रोहतक की ओर जाने वाले कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं. सोमवार से 30 दिन के लिए पूरी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है. कुंडली-सिंघु, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं की किलेबंदी कर दी गई है.
किसानों की ये प्रमुख मांगें
- स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
- किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी की मांग
- लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग
- लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
- किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग
- पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी
- 200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले
- 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग
- फसल बीमा सरकार खुद करे
- किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले
- विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए
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