Ranchi: ईडी (ED-प्रवर्तन निदेशालय) की टीम झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की तलाश में है. वे पिछले दिनों ही दिल्ली गये थे. उनकी तलाश के लिए दिल्ली आवास पर सोमवार की सुबह ईडी की टीम पहुंची. इधर, इस बीच रांची में प्रशासनिक महकमा अलर्ट मोड में आ चुका है. सीएम हाउस के बाहर सुरक्षा बढ़ाई जा चुकी है. इन सबके बीच झामुमो और कांग्रेस के सभी विधायक भी रांची पहुंच रहे हैं. उन्हें अपने अपने दलों की ओर से इसके लिए निर्देश भी दिया गया है. I.N.D.I.A गठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, राजद) के मंत्री और विधायक लगातार घटनाक्रम पर अपने अपने स्तर से नजर रखे हुए हैं.
राजधानी में एक साथ जुटने के बाद वे सब अपने स्तर से आगे की रणनीतियों पर विचार करेंगे. अगर किसी तरह की विकट स्थिति बनती है तो ऐसी स्थिति में किस तरह से आगे बढ़ना है, इसे लेकर उनके बीच मंथन होगा. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मुताबिक, हेमंत किसी भी स्थिति में डरने वालों में से नहीं हैं. ईडी वगैरह की पूछताछ भी उन्हें नहीं डरा सकती.
JMM का हल्लाबोल जारी
राज्य में जारी ताजा राजनीतिक हालात के बीच राजधानी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है. सीएम आवास, राजभवन से लेकर बीजेपी दफ्तर और हिनू स्थित ईडी आवास के बाहर भी सुरक्षा को लेकर जवान तैनात किए गये हैं. शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल और सुरक्षाबल के जवान अलर्ट मोड में है. राजधानी के सभी डीएसपी सड़कों पर मौजूद हैं. गौरतलब है कि सीएम हेमंत से ईडी की पूछताछ के खिलाफ जेएमएम के कार्यकर्ताओं ने 28 जनवरी को मोरहाबादी मैदान से लेकर राजभवन तक आक्रोश रैली निकालकर विरोध किया था. उन्होंने ईडी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सीएम हेमंत को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. जेएमएम कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा था कि वे 31 जनवरी तक ईडी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
इधर, सीएम हेमंत से ईडी की पूछताछ के खिलाफ राजधानी रांची में जेएमएम का हल्ला बोल जारी है. सोमवार को गढ़वा, खूंटी, रामगढ़ और सिमडेगा जिला से जेएमएम के कार्यकर्ता शहर में जुट रहे हैं. वे राजभवन तक मार्च भी करेंगे. जगन्नाथपुर थाने के सामने शहीद मैदान में झामुमो कार्यकर्ता जुटने लगे हैं. मोरहाबादी मैदान में भी जेएमएम कार्यकर्ताओं का जुटान जारी है.
प्रशासनिक महकमा अलर्ट
राज्य में जारी वर्तमान हालात के बीच झारखंड के मुख्य सचिव (सीएस) एल खियांग्ते ने आपात बैठक बुलाई. रांची एसएसपी ने सभी थानेदारों को तलब किया. मुख्य मंत्री आवास और राजभवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मालूम हो कि जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने हेमंत सोरेन को 10वां समन जारी कर 29 से 31 जनवरी के बीच समय 28 जनवरी तक देने को कहा था, लेकिन सीएम की ओर को कोई जवाब नहीं दिया गया. वे 27 जनवरी की रात को ही दिल्ली निकल गए थे.
जमीन घोटाला मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 10वां समन भेजकर यह तय करने को कहा था कि 29 से 31 जनवरी के बीच कब पूछताछ की जाए. निर्धारित समय (28 जनवरी) पर जवाब नहीं देने पर सोमवार 29 जनवरी को ईडी की टीम सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर पहुंच गयी. अब कहा जा रहा है कि सीएम कार्यालय से ईडी को बताया गया है कि वे 31 जनवरी को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे. इस संबंध में ईडी को मेल भी भेज दिया गया है.
ईडी से पूछताछ में करें सहयोग: राज्यपाल
मीडिया के सवालों पर सोमवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने कहा कि सीएम को सम्मानित नागरिक के तौर पर आचरण दिखाना चाहिए. यहां अगर सीएम आज जवाब नहीं दे रहे हैं तो कल तो उन्हें देना ही होगा. एक सच्चे नागरिक के रूप में उन्हें इसका सम्मान करना ही चाहिए. फिलहाल तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने कई बार इसे व्यक्त भी किया है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
भगोड़ा मुख्यमंत्री: बाबूलाल
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन के मामले में सोमवार को सोशल मीडिया के जरिये ताज्जुब जाहिर किया है। सवाल भी किए हैं। कहा है कि ईडी अधिकारियों के डर से मुख्यमंत्री सोरेनजी के लापता होने की सूचना न्युज चैनलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है. अगर इस खबर में सत्यता है तो, यह झारखंड के लिए संवैधानिक संकट की स्थिति है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णजी से निवेदन है कि वो मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तलब कर जांच एजेंसी से भागने का कारण पूछें।
झारखंड की साख और प्रतिष्ठा दांव पर है। अपनी इन हरकतों से हेमंत ने हमारे आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा और गौरव को मिट्टी में मिलाने का काम किया है। झारखंड पुलिस के डीजीपी ये जबाव दें कि, मुख्यमंत्री हेमंत सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़कर रात को कैसे बाहर निकल कर भाग सकता है? सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बर्खास्त करें और तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को सुरक्षित रूप से हाजिर करें।
आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री भगोड़ा कहलाने का पाप कैसे कर सकता है? यह शर्मनाक है
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