Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन का दिल्ली से वापस रांची लौटना अब भी सियासी गलियारे के साथ साथ लोगों के लिए रोचक पहेली बनी हुई है. इसे लेकर हर कोई अपने हिसाब से ही अंदाजा लगा रहा. इधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी जानकारी के आधार पर बताया है कि झारखंड के सीएम की रांची लौटने में मदद दिल्ली के सीएम ने की. अरविंद केजरीवाल का का सहयोग वाराणसी तक था. इसके बाद वाराणसी से रांची मंत्री मिथिलेश ठाकुर लाए. इस सूचना के साथ निशिकांत ने अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन के इस सहयोग को चोर- चोर मौसेरे भाई का उदाहरण बताया है.
जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को दिल्ली से रॉंची भगाने में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सहयोग किया ,यह सहयोग वाराणसी तक था,वाराणसी से रॉंची मंत्री मिथलेश ठाकुर जी ले गए । चोर चोर मौसेरे भाई
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey)
कल्पना पर भी सवाल
सोशल मीडिया (एक्स) पर अपने पोस्ट में निशिकांत दुबे ने कहा है कि झारखंड में कल्पना सोरेनजी के नाम पर सहमति विधायक दल की बैठक में नहीं बन पाई. विधायक सीता सोरेनजी व बसंत सोरेनजी विरोध में उतरे. कुल 35 विधायक ही बैठक में पहुँचे.
वर्तमान सूचना के अनुसार सीता सोरेन व बसंत सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनजी की पत्नी कल्पना सोरेनजी या अन्य विधायक को मुख्यमंत्री मानने से इंकार कर दिया है. दोनों विधायक राँची में हुई विधायक दल की बैठक से अनुपस्थित रहे. सीएम हाउस में मंगलवार को सीएम की विधायकों संग हुई बैठक में सादे काग़ज़ पर विधायकों ने हस्ताक्षर किया. सांसद ने संभावना जाहिर करते कहा है कि बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंतजी का राज्यपाल से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है. वे शायद बुधवार को ईडी की पूछताछ में शामिल हों?
लगातार उठ रहे थे सवाल
गौरतलब है कि पिछले दिनों सीएम हेमंत सोरेन चार्टर प्लेन से दिल्ली गए थे. इसके बाद से उनका पता नहीं लग रहा था. 40 घंटे से उनके बारे में पडताल हो रहा था कि आखिर वे दिल्ली स्थित आवास पर हैं या कहीं और. इसके बाद मंगलवार की दोपहर वे रांची सीएम हाउस पहुँचे. इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित अन्य भाजपा नेताओं ने उन्हें मिसिंग बता दिया था. भगोड़ा सीएम भी कहा. सीएम का पता बताने वाले को 11 हजार रुपये इनाम देने की बात कही थी
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