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Ranchi: विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन सीएम चंपाई सोरेन ने अपनी सरकार की ओर से सदन में विश्वास मत पेश किया. सीएम चंपाई सोरेन ने अपनी बात यह कहते हुए शुरू की कि हेमंत बाबू हैं तो हिम्मत है. कहा कि 2019 में हेमंत के नेतृत्व में सरकार की शुरुआत की गयी थी.

उन्होंने कहा कि सरकार गठन के साथ ही सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जाने लगा. सरकार गठन के बाद कोरोना काल आ गया. पहले से ही राज्य में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति काफी खराब थी. डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य की स्थिति राज्य में दयनीय कर दिया था. हमारी हंमेत की सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया. किसी की भी भूख से जान नहीं गयी. संपूर्ण लॉकडाउन और सेमी लॉकडाउन में पूरे देश की स्थिति खराब हुई. लेकिन हेमंत बाबू ने किसी प्रवासी मजदूर को तकलीफ नहीं होने दिया. मजदूर जो चप्पल और लुंगी पहनते थे, उन्हें हवाई जहाज से लाने का काम किया.

सीएम ने कहा कि हमारा राज्य अमीर लेकिन यहां के आदिवासी मूलवासी काफी गरीब हैं. यहां के गरीबों के पैर में चप्पल तक नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है. इसी को सुधारने का काम शुरू किया. हमारी नयी सरकार हेमंत सरकार की पार्ट टू है और इसपर हमें गर्व है. जिस गांव में डीसी, डीडीसी और तमाम अधिकारी नहीं पहुंचे थे वहां आपकी योजना आपकी सरकार योजना की वजह से सरकार पहुंची. क्या ऐसा करना गुनाह है. चंपाई ने बंधु तिर्की का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ पांच लाख रुपए की वजह से अपनी सदस्यता चली गयी. लेकिन 7 करोड़ का घोटाला करने वाला भानू प्रताप शाही पर ईडी की कार्रवाई नहीं हुई. क्योंकि भानू उधर चले गए. विपक्ष हमारे विकास को बर्दाश्त नहीं कर सका. इसिलए विपक्ष ने हेमंत को गिरफ्तार कर लिया. आज फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ रहा है. जजिसे 2019 में ही हेमंत ने हासिल कर लिया था.

हेमंत सोरेन ने कहा

31 जनवरी को देश के लोगकतंत्र में काला अध्याय जुड़ा है. देश में पहली बार कोई मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुआ है. यह पहली घटना है. और इस घटना को अंजाम देने में कहीं ना कही राजभवन भी शामिल रहा है. जिस तरीके से यह घटना घटी है, मैं काफी अचंभित हूं. मैं एक आदिवासी वर्ग से आता हूं. नियम कानून का थोड़ा अभाव रहता है. बैद्धिक क्षमता अभी हमारे पास विपक्ष जितनी नहीं है. लेकिन सही गलत की समझ हर इंसान और जानवर भी रखता है. 2022 से ही गिरफ्तारी की पकवान को धीमी आंच में पकाया जा रहा था. पकवान पकने को तैयार नहीं था. लेकिन जैसे-तैसे सुनियोजत तरीके से अपने गिरफ्त में ले लिया. बाब भीमराव जी का जो सपना था कि सभी को समान अधिकार मिले वो नहीं हो पाया. जैसे भीमराव को बौद्ध धर्म अपनाने पर मजबूर किया गया, वही हाल हमारा भी होने वाला है. आदिवासी-मूलवासियों के लिए विपक्ष के पास काफी घृणा है. आदिवासी और दलितों के प्रति काफी गुस्सा हैं यह. यह कहते हैं कि यह जंगल के हैं तो इन्हें जंगल में ही रहना चाहिए. यह हमें अछूत मानते हैं. बगल में बैठ जाने से इनके कपड़े गंदे हो जाते हैं. इसी को पाटने का एक प्रयास किया गया था. यही बात इन्हें नहीं पची. यह हमें अभी भी जंगल में भेज देना चाहते हैं. मुझे इस बाक का आभास था. इनके अंदर छिपी जो कुंठा है वो आए दिन बयां होती थी. इन्हें लगता है कि मुझे जेल में डाल कर यह सफल हो जाएगा. तो ऐसा नहीं होने वाला. क्योंकि यह झारखंड है.

लाखों करोड़ों का घोटाला करने वाले पर नहीं होती है कार्रवाई

यहां के हर जिले के आदिवासी अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़ी है. आजादी की लड़ाई लड़ी है. यह लोग तो बाहर से आए हैं. यहां के है ही नहीं. ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स काफी संवेदनशील संस्था कही जाती है. पर जो लाखों करोड़ों का घोटाला कर विदेश भाग जाते हैं उनपर कार्रवाई नहीं करते. बल्कि देश के बेगुनाह आदिवासी पर कार्रवाई होती है. अगर है हिम्मत तो सदन में कागज पकटकर दिखाए कि जिस जमीन के लिए मुझे गिरफ्तार किया है. वो मेरी है. अगर ऐसा हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. मैं आसूं नहीं बहाने वाला. क्योंकि इनके पास आसूंओ की कद्र नहीं है. इनके सभी सवालों का जवाब वक्त आने पर दिया जाएगा. दुर्भागय है कि यहां कुछ लोग चरण वंदन करने में लगे हैं. इन्होंने ही सबसे ज्यादा इस राज्य में राज किया. लेकिन घोटाला इन्हें अब नजर आ रहा है. 2000 का घोटाला नजर नहीं आ रहा है. इन्होंने अपने ही आदिवासी सीएम को पांच साल का कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया. मुझे पता था कि मुझे भी पांच साल का कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया जाएगा. हमने सर झुका कर चलना नहीं सीखा. इसी का नतीजा भुगत रहा हूं. जब सरसो में ही भूत है तो भूत भागेगा कहां से. मेरे हवाई जहाज में चलने, पांच सितारा होटल में ठहरने और मेरे बीएमडब्ल्यू कार में घूमने से इन्हें दिक्कत होती थी. पूरे देश में आदिवासी-दलिक सुरक्षित नहीं है. विशेष कर झारखंड में वो सुरक्षित नहीं है. उनकी नजर यहां के खनिज संपदा पर है. मेरे रहते इन्हें फूंक फूंक कर कदम रखना पड़ता था.

कानूनी रूप से विपक्ष से गैरकानूनी काम करना सीखे

झारखंड का इतिहास इन्हें कभी माफ नहीं करेगा. षडयंत्र का जो पैमाने ऐसा है कि कानूनी रूपे से कैसे गैरकानूनी काम करना है कोई इनसे सीखे. 22 जनवरी के बाद रामराज्य आ गया. पहला कदम बिहार में पड़ा और दूसरा कदम झारखंड में पड़ गया. जिसे तरीके से बंधू तिर्की की सदस्यता गयी. मेरी भी चली जाए. लेकिन जेएमएम का उदय राज्य का मान-सम्मान बचाने के लिए हुए है. और इसके लिए जो लड़ाई लड़नी होगी मैं लड़ने को तैयार हूं. मुझे कोर्ट का आदेश है कि मीडिया के सामने बात नही रखनी है. मैंने पूछा कि सदन में बात रख सकता हूं या नहीं तो उन्होंने कहा कि नहीं रखनी है. स्तर इतना गिर गया है. आदिवासी तैयार हो जाए. षोशण की नयी परिभाषा तैयार होने वाली है. आप तैयार हो जाए अपनी लड़ाई के लिए. राज्यपाल आए और 32 पन्ने का अभिभाषण पढ़ा. हमारे लाख चिल्लाने का प्रभाव नहीं पड़ा. जब लोकतंत्र ही ख्तम हो जाएगा तो क्या बचेगा.

 

अमर बाउरी ने कहा

जो बोलेंगे सच बोलेंगे. हंमेत की सरकार भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की वजह से गयी. इसके बाद ही वंशवाद का सिलसिला चला आ रहा था, वो खत्म हो गया. मोदी जी की वजह से ऐसा हुआ. चंपाई जी को उन्हें बधाई देनी चाहिए. महामहिम के अभिभाषण के दौरान जिस तरह का हंगामा हुआ उससे देश शर्मसार हुआ. हेमंत ने कहा कि आप आदिवासी लीडर हो सकते हैं. लेकिन आप आदिवासियों के लिए लीडर नहीं हो सकते हैं. कहा कि सत्ता पक्ष के लोगों ने आदिवासीयो पर बात की लेकिन आप लोग सभी आदिवासीयो के मालिक नहीं हो सकते है. सरकार को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं था, इसलिए यहां से ले जाकर बाहर रखा गया. संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग की बात करे  तो कांग्रेस ने 90 बार देश के अलग-अलग राज्यो में राष्ट्रपति शासन लगाया. हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाकर उनकी प्रतिभा को देश में पहचान दिलाने का कम किसने किया. कई आदिवासीयों को पद्मश्री किसने दिया. गौरव दिवस मना कर आदिवासीयों को किसने पहचान दिलाई. यह सभी काम बीजेपी ने की. कांग्रेस जिसके साथ रही है उसे दीमक की तरह खाने का कम करती हैं. इसके कई उदाहरण हैं. कांग्रेस पर जनजाति समाज को आगे बढने से रोकने, देश के विकास को बाधित करने के आरोप पर भड़के कांग्रेसी विधायक. वेल में आकर स्पीकर के सामने विरोध जताया. अमर बाउरी को बाहर किए जाने की मांग करने लगे. स्पीकर ने सभी को वापस भेजा.

आलमगीर आलम ने कहा

2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी. कोरोना महामारी आयी. अखबार, मीडिया उस समय का देख लें कि उन्होंने क्या-क्या कर दिखाया. जनता ने हमें 5 सालों के लिए चुना है. कांग्रेस है तभी देश आजाद हुआ. देश में रेल, अस्पताल, हवाई जहाज सब कांग्रेस की देन रही. भाजपा अपने गिरेबान में झांकें. हेमंत सरकार गरीबों के लिए सर्वजन पेंशन लायी, 50+ के लिए भी पेंशन की योजना की शुरुआत हुई, इसमें क्या गलत किया. पीएम ने 2022 तक देश में सभी गांवों में सबको आवास देने की बात कही थी. खेद है कि ऐसा वो नहीं कर सके. हमलोगों ने कई बार केंद्र से आवास के लिए मदद मांगी. अंततः हमलोगों ने अबुआ आवास योजना शुरू की. इसके लिए 30 लाख आवेदन आए. हम भरोसा दिलाते हैं कि आनेवाले दिनों में सभी 30 लाख आवेदकों को अबुआ आवास का लाभ देंगे. सरकार के स्तर से शुरू की गई योजनाओं की चर्चा करते आलमगीर आलम ने सदन से चंपाई सोरेन सरकार का समर्थन करने की अपील भी की.

 

सुदेश महतो ने कहा

अपनी बातों को रखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि परिस्थिति कुछ भी हो लेकिन वर्तमान और झारखंड के आंदोलनकारी सीएम चंपाई सोरेन को शुभकामनाएं देता हूं. व्यक्तिगत तैर पर हेमंत सोरेन के प्रति मेरी संवेदना है. देश आजादी से पहले अंग्रेजों से हमारे पूर्वजों ने लड़ा, वह स्वर्णिम काल था. दूसरा काल ऐसा आया जब यह कि संपदाओं को चोरी हुई. तीसरा काल यह है कि आंदोलनकारियों की वजह से राज्य का गठन हुआ. गुरुजी इस प्रदेश का नेतृत्व करते थे. 1993 में बीजेपी नहीं थी. मधु कोड़ा के समय देश में बीजेपी की सरकार नहीं थी. संवैधानिक एजेंसियो कि सामने सभी लोग जाते हैं. पीएम भी गये. देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता भी ईडी के समक्ष गए थे. लोगों के आवेदन का कोई लेख-जोखा नहीं हैं.

 

फ्लोर टेस्ट में जीते चंपाई सोरेन, पक्ष-47 और विपक्ष-29

जानें वोटों का समीकरण

सत्ता पक्ष

जेएमएम-28

कांग्रेस-17 (प्रदीप यादव को लेकर)

राजद-01

माले-01

नोटः सत्ता पक्ष की तरफ से 47 लोगों ने वोट किया. यहां बताते चलें कि जेएमएम की तरफ से रामदास सोरेन बीमार होने की वजह से वोटिंग के लिए उपस्थित नहीं हो सके.

विपक्ष

बीजेपी-25 (बाबूलाल को लेकर)

आजसू-03

एनसीपी-01 (कमलेश सिंह)

नोटः विपक्ष की तरफ से 29 लोगों ने वोट किया. विधायक इंद्रजीत महतो बीमारी की वजह से वोट देने के लिए उपस्थित नहीं हो सके. निर्दलीय विधायक अमित महतो अनुपस्थित रहे. कमलेश सिंह ने विपक्ष के समर्थन में वोट किया.

सरयू राय ने ना ही सत्ता पक्ष और ना ही विपक्ष के लिए वोट किया.

चंपाई अब करेंगे अपने कैबिनेट का विस्तार

फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद अब चंपाई सोरेन अपने मंत्रीमंडल का विस्तार करेंगे. इस बार के मंत्रीमंडल में काफी बदलाव देखने की बात की जा रही है. राजद को छोड़ दिया जाए तो जेएमएम और कांग्रेस में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है. सोरेन परिवार की सीता सोरेन और बसंत सोरेन दोनों को मंत्रीमंडल में एडजस्ट किया जा सकता है. वहीं और भी कुछ चेहरे बदल सकते हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से भी कई नाम सामने आ रहे हैं. इसमें प्रदीप यादव, दीपिका पांडे और जयमंगल उर्फ अनुप सिंह का नाम चल रहा है. वैसे अभी नामों के बारे पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

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