Akshay Kumar Jha
Ranchi/Bokaro: बीजेपी ने बोकारो जिले में अपनी पार्टी को और मजबूत किया है. बोकारो जिले के दिग्गज राजनीतिक शख्सियत स्व. समरेश की पुत्रवधु परिंदा सिंह बीजेपी में शामिल हो रही हैं. रांची के प्रदेश कार्यालय में बाबूलाल मरांडी उन्हें सदस्यता ग्रहण करवाएंगे. मौके पर बोकारो विधायक बिरंची नारायण भी मौजूद रहेंगे. दरअसल कुछ दिनों पहले स्व. समरेश सिंह की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में बीजपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी बोकारो स्थित समरेश सिंह के आवास पर पहुंचे थे. वहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद विधायक बिरंची के साथ वो सेक्टर थ्री स्थित माना सिंह (समरेश सिंह के दूसरे बेटे) के आवास पर पहुंचे. वहां उन्होंने परिंदा सिंह (माना सिंह की पत्नी) से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि परिंदा का बीजेपी में शामिल होने वाली स्क्रिप्ट उसी दिन लिख दी गयी थी. जिसकी औपचारिकता गुरुवार को पूरी की जा रही है.
और मजबूत होगी बीजेपी
समरेश सिंह बोकारो के ही नहीं बल्कि झारखंड के एक जाने-माने नेता थे. एक समय ऐसा भी आया था कि बीजेपी का मतलब ही समरेश सिंह हो गया था. लेकिन राजनीति में हर समय एक ही जैसा नहीं रहता है. समरेश सिंह अपने कई साथियों के साथ बीजेपी छोड़ जेवीएम में शामिल हो गए. तब से ही बाबूलाल मरांडी और समरेश सिंह की नजदीकियां बढ़ीं. लेकिन बीमारी की वजह से समरेश सिंह सक्रिय राजनीति से दूर होते चले गए. तभी समरेश सिंह की राजनीतिक विरासत को उनकी पुत्रवधु ने 2019 में आगे बढ़ाने का सोचा. लेकिन जेवीएम या बीजेपी के साथ नहीं बल्कि कांग्रेस के साथ. 2019 के विधानसभा चुनाव में काफी राजनीतिक उटापटक के बाद संग्राम सिंह (समरेश सिंह के तीसरे बेटे) की पत्नी श्वेता सिंह को कांग्रेस से टिकट मिला. काफी कम अंतर से श्वेता बीजेपी के बिरंची नारायण से हार गयीं. तभी से बीजेपी स्व. समरेश सिंह के वोट बैंक में सेंध लागने की कोशिश कर रही थी. और सेंधमारी हुई भी तो समरेश सिंह से घर में ही.
समरेश सिंह के कोर वोटरों से मिलेगा बीजेपी को फायदा
ऐसा कहना कतई गलत होगी कि पिछले चुनाव में श्वेता सिंह को जो वोट मिले थे, वो श्वेता सिंह या फिर कांग्रेस की वजह से. जाहिर तौर पर वह समरेश सिंह की राजनीतिक पकड़ और समर्थकों का साथ था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अगर समरेश सिंह की बड़ी पुत्रवधु श्वेता फिर से चुनाव लड़ती हैं तो परिंदा जो उन्हीं के घर की है, वो उनके खिलाफ प्रचार करेंगी. समरेश के कोर वोटर कन्फ्यूज होंगो और वोट बंटेगा. जिससे घाटा सिर्फ कांग्रेस को होने की उम्मीद है. परिंदा की वजह से बीजेपी को जो भी मजबूती मिलेगी वो बीजेपी के लिए फायदे का सबब होगा.
जानकार बता रहे मेयर पद पर है परिंदा की नजर
वैसे तो राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता है. लेकिन जानकारों की मानें तो परिंदा सिंह की नजर मेयर सीट पर है. इससे पहले परिंदा सिंह मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं. लेकिन उन्हें शिक्सत मिली. भोलू पासवान ने उन्हें हराया था. लेकिन अब मेयर की सीट आरक्षित हो चुकी है. सीट महिला आरक्षित है. इसलिए परिंदा फिर से मेयर सीट के लिए दांव खेलेंगी. वहीं सीट आरक्षित होने के बाद भोलू पासवान ने भी अपने घर से ही किसी महिला को मेयर के चुनाव में उतारने की तैयारी में है. चास नगर निगम माड़वारियों और व्यापारियों का गढ़ है. और वहीं परिंदा सिंह भी गुजरात से हैं. ऐसे में माड़वारियों और व्यापारियों के बीच बीजेपी के और मजबूत होने की उम्मीद है.
बीजेपी को जो भी मजबूत करेगा उसका स्वागत हैः बिरंची
परिंदा सिंह के बीजेपी में ज्वाइन करने वाली बात पर बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने न्यूज विंग से कहा कि परिंदा सिंह के बीजेपी में शामिल होने से जाहिर तौर पर बीजेपी मजबूत होगी. और जिससे भी बीजेपी को मजबूती मिलेगी उसका पार्टी में तहे दिल से स्वागत है.
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