Ranchi: प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार पर वोट बैंक की खातिर राज्य में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ को प्रश्रय देने का आरोप लगाया है. शनिवार को प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूचनाधिकार कानून (आरटीआई) से मिली सूचनाओं का हवाला देते कहा कि राज्य सरकार का ही विभाग मानता है कि राज्य में घुसपैठ हो रहा है. सीएम बार बार कहते हैं कि राज्य में किसी तरह की घुसपैठ नहीं है. अगर ऐसा है तो केंद्र क्या कर रहा है. वास्तव में सीएम झूठ कह रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं.
संविधान में पासपोर्ट, फॉर्नर एक्ट वगैरह हैं. इसके अनुसार राज्य सरकार को घुसपैठियों की रोकथाम, पहचान और उसे बाहर किए जाने का पावर दिया हुआ है. आधार कार्ड, वोटर कार्ड को रद्द करने के भी अधिकार हैं. पर सरकार ऐसा ना कर वोट की खातिर घुसपैठियों की समस्या से जवाबदेही से नहीं निपट रही है. ऐसे में झारखंडी मुसलमानों का हक मारकर और उनके साथ सौतेलापन जताते बाहर से अवैध तरीके से राज्य में आने वाले लोगों को लाभ देने की साजिश जारी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक, इमरान व अन्य भी उपस्थित थे.
पुलिस जता चुकी है चिंता
प्रतुल शाहदेव के मुताबिक उन्होंने अलग अलग जिलों में घुसपैठ, लव जिहाद जैसे विषयो को लेकर आरटीआई का उपयोग किया था. करीब 6-7 जिलों से मिली सूचनाओं में एक भी घुसपैठ होने का केस नहीं बताया गया है पर यह कहा गया है कि इसे रोकने को विशेष दिशा-निर्देश संभावित क्षेत्र के अफसरों के लिए जारी किये गये हैं. अप्रैल 2020 में लोहरदगा में हिंसा की घटना हुई थी. स्पेशल ब्रांच ने इसमें रोहिंग्याओं का हाथ होने की बात कही थी. बाद में अंजुमन इस्लामिया के दबाव में जिले के एसपी और 4 अन्य डीएसपी का भी ट्रांसफर कर दिया गया था.
जून 2023 को स्पेशल ब्रांच की ओर से सभी जिलों के एसपी, डीएसपी को राज्य में बढ़ते घुसपैठ की चिंता को लेकर लेटर लिखा गया था. इसमें कहा गया कि अवैध तरीके से राज्य में आने वालों को नजदीकी मदरसों में ठहराया जाता है. इसके बाद उनका वोटर आईडी, आधार कार्ड वगैरह तैयार किया जाता है. प्रतुल ने आरोप लगाते कहा कि इस स्थिति के लिए पूरी तरह राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल जिम्मेदार हैं. सीएम को चाहिए कि वे अनर्गल बयानबाजी बंद करें. घुसपैठियों की पहचान, उसे बाहर करने और आधार कार्ड वगैरह को रद्द करने का काम करे.
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