मिशन 2024: सिंहभूम लोकसभा सीट पर इंडी गठबंधन मजबूत, सभी विधानसभाओं पर कांग्रेस-जेएमएम का कब्जा, जानिए इस बार के क्या हैं हालात

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Akshay/ Rahul

Ranchi: सिंहभूम (चाईबासा) लोकसभा सीट फिलहाल इंडी गठबंधन के खाते में हैं. 1957 से इस सीट पर लोकसभा का चुनाव हो रहा है. अबतक कुल 16 बार चुनाव हो चुके हैं. जिसमें बीजेपी ने सिर्फ तीन बार जीत दर्ज की है. इस सीट से सबसे अधिक बार कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं. हालांकि इस  बार जमशेदपुर और सिंहभूम लोकसभा सीट पर पेंच फंसता हुआ दिखायी दे रहा हैं. क्योंकि जेएमएम इस सीट को जमशेदपुर से बदलना चाह रहा है. जेएमएम चाहता है कि सिंहभूम लोकसभा से उसकी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़े. जबकि 1991 में सिर्फ एकबार जेएमएम के उम्मीदवार ने चुनाव जीता है.
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सिंहभूम लोकसभा सीट

झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आयी. झारखंड पार्टी के उम्मीदवार ने पहली जीत दर्ज की थी. उसके बाद 1980, 1984, 1989 में कांग्रेस के उम्मीदवार ने लगातार जीत दर्ज की. 1991 कृष्णा मरांडी जेएमएम के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे और जीते. 1996 में बीजेपी से चित्रसेन सिंकु चुनाव लड़े और जेएमएम के जीत का सिलसिला तोड़ा. यह सिलसिला बीजेपी की तरफ से 1999 में लक्ष्मण गिलुआ ने जारी रखा. लेकिन 2004 में फिर से कांग्रेस ने वापसी की और बागुन सुंब्रई सांसद बने. 2009 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते. 2014 में मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा चुनावी मैदान में उतरी लेकिन उन्हें बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ से हार का सामना करना पड़ा. वहीं 2019 में एकबार फिर से कांग्रेस ने वापसी की और गीता कोड़ा सांसद बनीं.
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सभी विधानसभाओं में ईडी गठबंधन का क्लीन स्वीप

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल छह विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें सरायकेला से जेएमएम के चंपई सोरेन, चाईबासा से जेएमएम के दीपक बिरुआ, मझगांव से जेएमएम के निरल पूर्ति, जगनाथपुर से कांग्रेस के सोना राम सिंकु, मनोहरपुर से जेएमएम की जोबा मांझी और चक्रधरपुर से जेएमएम के सुखराम उरांव विधायक हैं. इस लोकसभा सीट पर एनडीए का कोई विधायक नहीं है. इसलिए यह सीट इंडी गठबंधन की मजबूत लोकसभा सीट मानी जा रही है.

हार-जीत का अंतर

2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 8,79,516 वोट पड़े थे. कांग्रेस की गीता कोड़ा को 4,31,815 वोट मिले और एनडीए से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार रहे स्व. लक्ष्मण गिलुआ को 3,59,660 वोट मिले थे. वोटों का अंतर 72,155 का था. 2014 में कुल 7,95,352 वोट पड़े थे. जिसमें बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ को 3,03,131 वोट, जेबीएसपी के उम्मीदवार गीता कोड़ा को 2,15,607 वोट मिले थे. लक्ष्मण गिलुआ ने 87,524 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

इस बार के संभावित उम्मीदवार

सिंहभूम (चाईबासा) लोकसभा सीट पर इस बार राजनीति जमकर हावी है. अभी तक गीता कोड़ा कांग्रेस में ही हैं. लेकिन उनके बीजेपी में जाने की बातें गाहे-बगाहे होती रहती है. अगर गीता कोड़ा बीजेपी में चली जाती है तो निश्चित तौर पर बीजेपी की ओर से वह उम्मीदवार होंगी. लेकिन अगर वो बीजेपी ज्वाइन नहीं करती हैं तो कांग्रेस की ओर से वह मुफीद उम्मीदवार साबित होंगी.

वहीं यदि जेएमएम सीट शेयरिंग में इस सीट को अपने खाते में डाल लेता है तो चंपई सोरेन पर पार्टी दांव खेलेगा. वहीं गीता कोड़ा के बीजेपी में शामिल नहीं होने की स्थिति में बीजेपी की तरफ से बड़कुंवर गगरई और जेबी तुबिद जैसे नाम सामने आ सकते हैं. हालांकि चर्चा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के खूंटी से चाईबासा शिफ्ट होने की भी हो रही है. ऐसे में अगर अर्जुन मुंडा चाईबासा से चुनाव लड़ते हैं तो इंडी और एनडी दोनों गठबंधनों को अलग स्ट्रैटिजी पर काम करना होगा.

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