सीएम की याचिका हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद अब ईडी के अगले कदम का इंतजार, फिर से समन या वारंट के लिए कोर्ट जाएगा ईडी

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Rana Pratap Singh

Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट में ईडी के समन के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन की याचिका खारिज हो चुकी है, इस बीच अब ईडी के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. ईडी की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को अब तक पांच बार समन जारी हो चुका है, लेकिन वह ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होने की बजाय पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट की शरण में गए थे. ऐसे में जब सीएम की याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो चुकी है तो ईडी फिर से सीएम हेमंत सोरेन को समन जारी करेगी या निचली अदालत में सीएम के खिलाफ वारंट की अपील करेगी, इसे लेकर अटकले लगाई जा रही हैं.
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किस आधार पर खारिज हुई याचिका

सीएम की ओर से ईडी के जिस समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी उसका समय बीत जाने के कारण हाईकोर्ट ने उस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना. हालांकि सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से हाईकोर्ट में यह दलील दी गई थी कि सीएम हेमंत सोरेन किसी मामले में आरोपी नहीं है और न ही उनके खिलाफ कोई केस दर्ज है, ऐसे में उन्हें ईडी समन जारी नहीं कर सकती है.

क्या कहते हैं कानूनी विशेषज्ञ

कानून के जानकार बताते हैं कि ईडी सीएम को अगर फिर से समन जारी करता है तो वह पिछली पांच बार जारी समन में कुछ संशोधन पर विचार कर सकता है क्योंकि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात उठी थी कि ईडी ने सीएम को गवाह या आरोपित रूप में समन जारी किया है, यह स्पष्ट नहीं है. ऐसे में इस विवाद से बचने के लिए ईडी अगर दोबारा समन जारी करता है तो इसमें उसे नए समन में कुछ संशोधन करना जरूरी होगा. ताकि अदालत में उनका पक्ष मजबूत रहे और वह त्रुटिपूर्ण समन के आरोपों से बच सके. लेकिन ईडी के लिए ऐसा करना काफी परेशानी भरा रह सकता है क्योंकि अगर समन में सीएम के खिलाफ आरोप को ईडी दर्शाता है तो सवाल यह उठेगा कि इन आरोपों की जानकारी पूर्व में होने के बावजूद ईडी ने सीएम को जारी पिछले पांचों समन में इसे क्यों नहीं बताया. इसके अलावा ईडी पर सीएम के खिलाफ नए सिरे से आरोप तैयार किए जाने की बात भी उठेगा.

ईडी के अगले कदम पर नजर

कहा जा सकता है कि हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद ईडी ने सीएम के खिलाफ आरोपों का एक नया प्लॉट तैयार किया है क्योंकि इन आरोपों की चर्चा ईडी ने सीएम को जारी पूर्व के समन में नहीं की थी. दूसरी ओर अगर ईडी सीएम के खिलाफ निचली अदालत में वारंट के लिए आग्रह करता है तो वह भी ईडी के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि ईडी के खिलाफ असहयोगात्मक रवैया अपनाने को लेकर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती है. बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि ईडी क्या कदम उठाती है. क्योंकि सीएम के अधिवक्ता द्वारा 4 अक्टूबर 2023 को ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर बताया गया था कि सीएम की याचिका हाईकोर्ट में लंबित रहने तक कोई कार्रवाई न की जाए.

सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प

कानूनी विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में फिर से सीएम हेमंत सोरेन के जाने का विकल्प खुला हुआ है. उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी जा सकती है कि हाईकोर्ट ने मेंटेबिलिटी ( सुनवाई योग्य नहीं होने ) पर उनकी याचिका को खारिज किया है लेकिन इस याचिका में पीएमएलए की कुछ धाराओं को भी सीएम ने चुनौती दी थी, जिसे हाईकोर्ट ने डिसाइड नहीं किया है. दरअसल, हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन को चुनौती दी थी, पर सुप्रीम कोर्ट ने सीएम को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी गई थी, जिसके बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस ले ली थी.

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