आदिवासी हो समाज महासभा का हुआ महाधिवेशन, समाज हित में लिये गये कई निर्णय, पर्व त्यौहार की घोषित हुई तिथि

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Chaibasa : आदिवासी हो समाज महासभा केन्द्रीय समिति का दो दिवसीय महाधिवेशन शनिवार  को शुरू हुआ. शनिवार को महाधिवेशन के पहले दिन की शुरुआत सुबह समाज के दिउरी सनातन बिरूवा के द्वारा आदिवासी परंपरा के साथ की गयी. जिसके बाद आदिवासी हो समाज की पहचान झंडा को केन्द्रीय अध्यक्ष अर्जुन मुन्दुईया के द्वारा फहराया गया. साथ इस दौरान टोयोल गीत भी गाया गया. कार्यक्रम में असम, बंगाल, ओडिसा, सहित झारखंड विभिन्न हिस्सों के सैकड़ों आदिवासियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में कुल 8 ग्रुप में लोगों को बांट कर कई समाजिक मुदों पर चर्चा की गयी. चर्चा के बाद निष्कर्ष को सभी लोगों के साथ साझा किया गया. जिसके बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय समाज हित में लिये गये. कार्य में मुख्य रूप केन्द्रीय अर्जुन मुंदुईया, महासचिव यदूनाथ तियू, पूर्व महासचिव घनश्याम गागराई, पूर्व अध्यक्ष भूषण पाट पिंगुवा, पूर्व महासचिव मुकेश बिरूवा, सहित सैकड़ों लोग शामिल थे.

ये निर्णय लिये गये

साधारण शुल्क 110 और आजीवन सदस्य शुल्क 2000 रुपया किया गया.

नौकरी पेशा वालों से आर्थिक सहयोग की अपील की गयी.

महासभा की नियमावली को वारंगक्षिति एवं अंग्रेजी में प्रकाशित किया जाए.

महासभा के केन्द्रीय समिति के मुख्य चार पदों का नामंकन पत्र शुल्क तय किया गया.

दियुरी एवं मुंडा का प्रखंड स्तरीय कार्यशाला हो.

आदिवासी महिला महासभा का गठन हो.

केन्द्रीय समिति में सभी आदिवासी राज्यों के एक-एक प्रतिनिधि लिया जाए.

शादी सिर्फ लडका घर में किए जाने का निर्णय लिया गया.

मगे पर्व के दौरान मागे के शब्दों में संयम रखा जाए. उल्टा पुल्टा एवं अशलील शब्दों का उपयोग ना किया जाए.

वन अधिकार कानून 2006 आदिवासियों के हित में ही रखा जाए.

पेसा कानून को छठवीं अनुसूची क्षेत्र में लागू किया जाए.

कुडमी को आदिवासी नहीं बनने दिया जाएगा.

पर्व त्योहार की तिथि

24 फरवरी मागे पूर्णिमा

24 मार्च बा पर्व

10 मई हेर मुट

21 जुलाई हेरोःपर्व

18 सितम्बर जोमनामा

31 दिसम्बर कोलोम ओटाणी

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