आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने किसान आंदोलन को लेकर कहा, हो रही है राजनैतिक पैंतरेबाजी

1 min read

New Delhi:  भारतीय किसान संघ ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर ‘राजनैतिक पैंतरेबाज़ी’ की जा रही हैसाथ ही ये भी कहा गया है कि हिंसक आंदोलन राष्ट्रहित में नहीं हो सकते और ऐसे पैंतरेबाज़ी में किसान ही पिसता और मरता है. भारतीय किसान संघ राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस का सहयोगी संगठन है.

राजस्थान के किशनगढ़ में पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, “कभी भी किसी भी स्तर पर हिंसक आंदोलन को प्रोत्साहन, समर्थन और मदद कहीं से भी नहीं मिलनी चाहिए. हिंसक आंदोलन के प्रति शासन-प्रशासन, समाज की शून्य सहिष्णुता आज समय की मांग है.”

इसके साथ-साथ उन्होंने सरकार से अपनी मांगे बताई हैं-

– किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाएं.

– कृषि आदानों (खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले बीज, खाद और साजो-सामान) पर जीएसटी खत्म की जाए.

– किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़तोरी की जाए.

13 फरवरी से किसान संयुक्त मोर्चा- ग़ैर राजनीतिक के नेतृत्व में किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान पंजाब-हरियाणा की सीमा शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई.सुरक्षा बलों ने ड्रोन के ज़रिए आंसू गैस छोड़े. 21 फरवरी को हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई थी. सोमवार को किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों ने ट्रैेक्टर मार्च निकाला था.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours