Giridih: गिरिडीह सदर अस्पताल में राज्य सरकार और प्राइवेट एजेंसी द्वारा संचालित डायलिसिस सेवा को बंद कर दिए जाने से मरीजों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और कोर्ट रोड को जाम कर बीच सड़क पर बैठ गए. परेशान मरीजों को हंगामा करते देख उनका सहयोग करने से कुछ नेता भी पहुंच गए. जानकारी मिली तो सदर एसडीएम विषालदीप खलको, सीओ और नगर थाना की पुलिस भी सदर अस्पताल के समीप पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली. इस दौरान जिले के दूर दराज इलाके से आए कुछ मरीजों ने कहा एक दो मरीजों की हालात सबसे खराब था और जब वो आए, तो डायलिसिस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी स्काई संजीवनी के चार टेक्नीशियन ने कहा की डायलिसिस नही होगा. क्योंकि सेवा बंद करने निर्देश रांची से आया है. इसके बाद परेशान मरीज और उनके परिजन भड़क उठे. और सड़क जाम कर वही बैठ गए. लेकिन मरीजों को नहीं बताया गया की सेवा क्यों बंद किया गया. इस दौरान जब एसडीएम, सीओ और नगर थाना पुलिस के साथ सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा मरीजों से बातचीत करने पहुंचे, तो परेशान मरीजों ने अपने अपने समस्याओं को बताया. इसके बाद एसडीएम हरकत में आए और डायलिसिस सेवा का संचालन करने वाले एजेंसी के टेक्नीशियन को जब डांटा और केस दर्ज कर जेल भेजने की बात कही. तो टेक्नीशियन ने काम करना शुरू किया. इधर जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन ने एसडीएम को बताया की बकाया भुगतान नहीं होने का हवाला देकर एजेंसी ने सेवा को ठप किया. सिविल सर्जन का कहना था की न तो एजेंसी के कोई इंचार्ज ही रहते है और न कोई और. और बिल भी हमेशा गलत बनाकर देते है.
सिविल सर्जन ने बताया की मार्च से जुलाई का बिल पिछले अक्टूबर माह में दिया गया है. अब जब तक बिल का जांच नही किया जायेगा, तो भुगतान संभव नहीं है. एजेंसी को हर माह बिल देने के बाद भुगतान संभव है. क्योंकि कई बार एजेंसी ने फाल्स बिल दिया है और भुगतान लेने का प्रयास किया है. और इस बार एजेंसी ने मार्च से जुलाई का 12 लाख का बिल थमा दिया. अब जब तक बिल का जांच नही होगा, तब तक उसे भुगतान संभव नहीं है. वैसे एजेंसी स्काई संजीवनी के खिलाफ राज्य सरकार को लेटर लिखा जाएगा.
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