New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को काशी के ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर में मौजूद पानी की टंकी (वुजुखाना) की सफाई कराने की अनुमति दे दी है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है. मुस्लिम पक्ष ने भी इस याचिका का कोई विरोध नहीं किया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि साफ सफाई का काम वाराणसी के डीएम की देखरेख में किया जाए.
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में अदालत से कहा था कि पिछले कई महीनों से सील होने के कारण इस कथित वज़ूखाने से दुर्गंध आ रही है. अदालत को बताया गया कि इस टैंक में रहने वाली मछलियों के मरने और पानी के ख़राब होने के कारण ऐसा हो रहा है. इसलिए इस टैंक की साफ सफाई बहुत ज़रूरी है. गौरतलब है कि इसी वुजुखाने में हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है.
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अदालत में हिंदू पक्ष से सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान और विष्णु शंकर जैन उपस्थित हुए. फ़ैसले के बाद एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बताया, “इस टैंक की मछलियां 20 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गईं, जिससे वहां पूजा करने वाले हिंदू लोगों को परेशानी हो रही थी. इसलिए हमने अदालत से टैंक को साफ करने की अनुमति देने की मांग की थी.” उन्होंने कहा, “मुस्लिम पक्ष के वकील सीनियर एडवोकेट हुज़ैफ़ा अहमदी ने भी इस मांग का समर्थन किया. असल में, अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने भी वाराणसी के ट्रायल कोर्ट में में ऐसी एक याचिका दाख़िल की है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने ज़िला प्रशासन को टैंक की सफाई का आदेश जारी किया.”
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