झारखंड में भाजपा की चुनौटी हैं बाबूलाल, 2024 के इलेक्शन में राजधनवार में उनके नहीं दिखने की है गारंटीः झामुमो

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Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को चुनौटी बताया है. पार्टी कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने उन पर हमला बोलते कहा कि पहले तो बाबूलाल विस्थापित थे, पर अब वे बेरोजगार भी हैं. जिस तरह से वे राज्य के सीएम हेमंत सोरेन और सीनियर लीडर शिबू सोरेन के लिए भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वह राजनीतिक समाज में प्रदूषण है. ऐसे लोग जब तक रहेंगे, प्रदूषण मुक्त होना कठिन है. उनका स्तर ऐसा हो गया है कि वे लाश पर भी राजनीति करने लगे हैं. सुप्रियो ने कहा कि इन्होंने झारखंड स्थापना की नींव में चूना डालने का काम किया था. जब बाबूलाल सीएम थे तो तपकारा गोलीकांड हुआ था, वे पीड़ितों के परिजनों से मिलने गये थे क्या. नेतरहाट में गोलियां चलीं, लोग शहीद हुए पर वे नहीं गये. पिछले दिनों पनौती को लेकर देश भर में चर्चा थी. इसी तरह, झारखंड में अब चुनौटी की बात होती है. हर अच्छे कामों में वे चूना लगाने की कोशिश करते हैं. यह चुनौटी बाबूलाल हैं.

 

सुंदरपहाड़ी में सरकार एक्टिव

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कोरोना की तरह मलेरिया भी एक बड़ी आपदा है. इससे बचाव की विशेष व्यवस्था करनी होती है. सुंदरपहाड़ी के जिस बीहड़ एरिया में मलेरिया फैला, वहां आदिम जनजाति, माल पहाड़िया समाज के लोग रहते हैं. वे ऐसी ही जगहों पर वास भी करते हैं. ऐसे में उन्हें विस्थापित नहीं किया जा सकता. मलेरिया फैलने की खबर मिलते ही स्थानीय सांसद विजय हांसदा वहां पहुंचे. मेडिकल कैंप की व्यवस्था हुई. हालांकि कुछ बच्चों की मौत भी हुई. पर भाजपा वाले वहां लाश पर राजनीति करने पहुंच गये. गोड्डा सांसद पहुंच गये और मेडिकल कैंप में कहा कि इलाज की कोई सुविधा नहीं है. बाबूलाल मरांडी भी मोटरसाइकिल से वहां पहुंच गये जबिक एंबुलेंस वहां पहुंच गया था. प्रभावित परिवारों तक मुआवजा भी सरकार के स्तर से पहुंच गया. पर बाबूलाल ने अनर्गल आरोप लगाए कि सीएम क्यों नहीं पहुंचे.

सुप्रियो ने कहा कि सीएम और पीएम किसी ऐसे साइट पर जाते हैं तो व्यवस्था चरमरा जाती है. उत्तराखंड के सीएम तो पिछले 15 दिनों से सुरंग में फंसे लेबर को देखने नहीं गये. ओड़िशा में रेल दुर्घटना में पीएम के पहुंचने पर 4 घंटे तक राहत ऑपरेशन रोक दिया गया. अब बाबूलाल सेंसेटिव इश्यू पर बोल रहे. बाबूलाल मणिपुर क्यों नहीं गये. बेवजह वे बरहेट की बात करते हैं जबकि सीएम हर पल वहां की जानकारी ले रहे. डीसी, सिविल सर्जन वहां बैठे हैं.

बाबूलाल को टारगेट करते हुए सुप्रियो ने कहा कि पिछले 14 सालों से वे भाजपा को गरियाते रहे. क्या नहीं बोलते थे. असल में इनका अपना मन मस्तिष्क ही स्थिर नहीं है. गुरुजी को शिबू कहना, हेमंत मत बनना, यह कोई राजनेता कहता है क्या. वे दोनों लोगों के अपने आदर्श हैं, अपनी पसंद हैं. यही पसंद जनादेश कहलाता है. 2019 में बाबूलाल को भी जनादेश था पर उन्होंने इसका सौदा किया. भाजपा ज्वाइन कर ली. 2024 में बाबूलाल राजधनवार में दिखेंगे नहीं, इसकी गारंटी वे दे रहे हैं.

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