दिल्ली चलो मार्च : किसानों की मांगें वास्तविक हैं और शांतिपूर्ण विरोध करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है: कैलाश गहलोत

1 min read

New Delhi: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने के केंद्र के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि किसानों की मांगें वास्तविक हैं. अनुरोध को ठुकराते हुए दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, किसानों की मांगें वास्तविक हैं और शांतिपूर्ण विरोध करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. इसलिए, किसानों को गिरफ्तार करना गलत है.

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए. देश के किसान हमारे अन्नदाता हैं और उन्हें गिरफ्तार करके इस तरह का व्यवहार करना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा. हम केंद्र सरकार के इस फैसले में एक पक्ष नहीं हो सकते.

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के प्रवेश के निकास बिंदुओं पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखा गया, क्योंकि किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर दंगा-रोधी उपकरणों से लैस पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवारों खड़ी कर दी हैं.

किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए टिकरी, सिंघू और गाज़ीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा उपायों के रूप में पुलिस, अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. इसमें संपर्क मार्गों पर सीमेंट ब्लॉक और कीलें लगाई गई हैं.

दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर सोमवार को पूरे शहर में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी थी और सीमाओं को मजबूत कर दिया था. दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने केंद्र सरकार के खिलाफ नियोजित किसान विरोध प्रदर्शन के बीच कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अगले 30 दिनों के लिए ये निर्देश जारी किए.

अर्धसैनिक बलों की 64 और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों सहित कुल 114 कंपनियां विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं. दंगा-रोधी उपकरणों से लैस ये इकाइयां सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील जिलों में तैनात हैं. इसके अतिरिक्त, किसी भी विघटनकारी गतिविधियों पर नजऱ रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों जैसी निगरानी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें-  

 

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours