Akshay/Rahul
Ranchi: चुनावी सीजन आने वाला है. झारखंड में बीजेपी लोकसभा चुनाव में वर्तमान में 12 सीटों की जीत के साथ इस मामले में काफी मजबूत है. इंडी गठबंधन दो सीटों के साथ काफी पीछे है. झारखंड में मौजूदा सरकार इंडी गठबंधन की है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन अपने आप को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश करेगा. वहीं एनडीए अपने पांव को और ज्यादा मजबूती से जमाना चाहेगा. क्या रहेगा इंडी गठबंधन की चाल और एनडीए की रणनीति. न्यूज विंग आपको हर लोकसभा सीट के फॉर्मूले से रू-ब-रू कराएगा. पहली किस्त में पढ़िए राजमहल लोकसभा सीट का कैलकुलेशन.
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राजमहल लोकसभा सीट
संताल परगना की राजमहल एक ऐसी सीट जो इंडी गठबंधन अपने लिए सुरक्षित मानता है. वजह है जेएमएम की पकड़. जेएमएम अभी से जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है. तो बीजेपी मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. झारखंड की राजमहल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 2014 से जेएमएम का कब्जा है. जेएमएम ने 2014 में पार्टी से जीते उम्मीदवार विजय हंसदा पर 2019 के चुनाव में भी दांव लगाया और हंसदा ने बीजेपी के उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को 99,195 वोट से मात देते हुए जीत दर्ज की. हालांकि यह अलग बात है कि अब हेमलाल मुर्मू खुद जेएमएम में शामिल हो गए हैं.
विधानसभा सीटों में जेएमएम का दबदबा
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल छः विधानसभा सीट आती हैं. जिसमें राजमहल विधानसभा पर बीजेपी से अनंत ओझा विधायक हैं. इसके अलावा सभी सीट इंडी गठबंधन के खाते में है. बोरियो विधानसभा से जेएमएम के लोबिन हेंब्रम, बरहेट से खुद सीएम हेमंत सोरेन, लिटीपारा से जेएमएम के दिनेश विलियम मरांडी, पाकुड़ से कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम व महेशपुर से जेएमएम के स्टीफन मरांडी विधायक हैं.
हार-जीत में कितना है वोटों का अंतर
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर एनडीए गठबंधन उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को 4,08,635 वोट मिले. तो यूपीए गठबंधन से चुनाव लड़ रहे जेएमएम उम्मीदवार विजय हंसदा 5,07,830 वोट मिले. दोनो के बीच का अंतर 99,195 वोटों का था. कुल 10,47,853 वोट पड़े थे. 2014 में जेएमएम के विजय हंसदा को 3,79,507 वोट मिले थे. बीजेपी के उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को 3,38,170 वोट मिले. कुल मतदान 9,51,755 हुआ था. जीत का अंतर 41,337 वोटों का था.
इस बार के संभावित उम्मीदवार
लगातार दो बार से इस सीट पर जेएमएम जीत का पताका लहरा रहा है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि जेएमएम के विरोधी हेमलाल मुर्मू अब खुद जेएमएम में शामिल हो गए हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि जेएमएम पुरानी बार की तरह इस बार भी उम्मीदवार में कोई परिवर्तन नहीं करेगा. विजय हंसदा पर ही इंडी गठबंधन दांव खेलेगी. वहीं बीजेपी के पास उम्मीदवार को लेकर संकट की स्थिति बनी है. इस बार उम्मीदवारों की सूची में ताला मरांडी, बाबूधन मुर्मू, शीला रानी हेम्ब्रम और मिस्त्री सोरेन शामिल हैं.
लोबिन से जेएमएम को डर
वैसे तो जेएमएम के लिए राजमहल सीट सेफ है. लेकिन इस लोकसभा के बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम जेएमएम के लिए संकट पैदा कर सकते हैं. कई मुद्दों पर लोबिन अपनी पार्टी का विरोध करते देखे गए हैं. पार्टी लाइन से हटकर रैली और सभा करते देखे गए हैं. सीधा हेमंत सोरेन पर भी हमला करने से वो नहीं चूक रहे हैं. जीत के लिए जेएमएम को लोबिन को शांत कराना काफी अहम माना जा रहा है. यह देखने वाली बात होगी कि आखिर लोबिन कैसे शांत रहते हैं.
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