Akshay Kumar Jha
Ranchi: जो भी लोग पोर्टल की खबरों को पढ़ते हैं. उन्हें सारी खबर या तो व्हस्एप-फेसबुक-एक्स पर मिलती हैं या फिर भी गुगल सर्च करने पर. शायद ही कोई वेबसाइट को फॉलो करता होगा. एक पोर्टल का रिपोर्टर होने के नाते मैं भी अपनी सारी खबरों को शेयर करता हूं. कई खबरों पर प्रतिक्रिया मिलती है और कई खबरों पर नहीं भी मिलती है. खैर अपने को कोई फर्क नहीं पड़ता है. अपना काम है खबर लिखना. पब्लिक को सही जानकारी देना. बस उसी काम में लगा हुआ हूं. लेकिन आज सुबह जो हुआ वो आज से पहले कभी नहीं हुआ था. मैंने सुबह-सुबह एक खबर शेयर की. शीर्षक था इस खबर को देखते ही न्यूज विंग के एक पाठक ने हंसने वाली ईमोजी भेज दी.
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इस ईमोजी से ही झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों को समझना आसान हो जाता है. अब तो ऐसी खबर शेयर करने से पहले हम जैसे पत्रकारों को शर्म आने लगेगी. बताइए भला. ईडी सब जानता है. लिखकर कोर्ट में जमा करता है. लेकिन करता कुछ भी नहीं है. ये ईडी है या और कुछ. सुना था कि इनके पास बहुते पावर होता है. किसी को भी उठा कर बिठा सकते हैं. लेकिन झारखंड में कुच्छो नहीं कर पा रहे हैं. एक बड़े आईएएस अधिकारी का कहना है कि देख लेना उसको कुच्छो नहीं होगा.
मैंने पूछा किसको तो बोलने लगे वही जो रात में राजा को सुला कर जाता है और भोरे-भोर उठाने आ जाता है. खैर पता नहीं का होने वाला है. लेकिन उम्मीद कायम है. रोज अखबार देखकर हौसला बुलंद करता हूं कि शायद मेरे भी अलमारी के कमरे में नोट भरे हों. गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस फिर भी बोल रही है कि ये मुहब्बत की दुकान है. भाईसाहब इस दुकान में नौकरी लगवा दो बस यही कामना है. बाकी मुहब्बत हम कर लेंगे. ये बात मेरी मम्मी और बीबी दोनों को पता है.
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