ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना का सटीक प्रहार, एयर डिफेंस ने बनाई अभेद्य दीवार

 

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सफलतापूर्वक सटीक हमले किए। इस ऐतिहासिक अभियान की जानकारी तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए के भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, और वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद मौजूद रहे।

7 मई: आतंकवादी ठिकानों पर धावा, पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान

भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकवादी अड्डों पर सटीक प्रहार किए। भारतीय सेना का उद्देश्य केवल आतंकवाद और उसके संरचनाओं को खत्म करना था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ देकर इस लड़ाई को अपनी बना ली।
एयर मार्शल ए के भारती ने बताया, “हमारा उद्देश्य सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप किया, जिसके चलते हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।”


भारतीय एयर डिफेंस: अभेद्य दीवार साबित हुआ

भारतीय वायुसेना का एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के किसी भी हवाई हमले को रोकने में पूरी तरह सक्षम रहा। वायुसेना ने मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस तकनीक का उपयोग करते हुए दुश्मन के ड्रोन, मिसाइलें और हवाई हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया।

  • मल्टी-लेयर्ड सुरक्षा:

    • शोल्डर फायर्ड मैनपैड्स

    • शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल्स

    • लंबी दूरी की एयर डिफेंस मिसाइलें

    • इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के साधन

एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय सेना का यह एयर डिफेंस सिस्टम इतनी मजबूती से तैनात था कि पाकिस्तानी हवाई जहाज भारतीय सीमा में घुसने में असमर्थ रहे।


तुर्की के ड्रोन TB2 का अंत, पाकिस्तान की रणनीति नाकाम

पाकिस्तान द्वारा तुर्की के ड्रोन TB2 का उपयोग भारतीय एयरबेस और महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला करने के लिए किया गया, लेकिन भारतीय सेना ने इन ड्रोन को हवा में ही खत्म कर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ड्रोन के अवशेष भी दिखाए गए, जिससे यह साबित हुआ कि भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन खतरनाक ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया।


बलूच और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को मिला समर्थन

भारतीय सेना की सटीक रणनीति के कारण, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में विद्रोहियों को मजबूती मिली। टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) और बलूच रिबेल्स ने पाकिस्तान सेना पर हमले तेज कर दिए हैं।
सेना के एक अधिकारी ने बताया, “भारतीय सेना की कार्रवाई ने बलूच और टीटीपी को एक नया मोर्चा खोलने का अवसर दिया है, जिससे पाकिस्तान की सेना को दोतरफा लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है।”


पाकिस्तान के एयरबेस पर सटीक हमले

9 मई को भारतीय वायुसेना ने नूर खान एयरबेस और रहमयार खान एयरबेस पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिससे वहां के रनवे पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। इस हमले के बाद से पाकिस्तान के कई फाइटर जेट उड़ान नहीं भर सके।
भारतीय वायुसेना ने सैटेलाइट इमेज और वीडियो फुटेज के जरिए यह दिखाया कि कैसे रनवे को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया गया।


रणनीति: धीमी गति से पर सटीक प्रहार

भारतीय सेना ने रणनीतिक रूप से धीमी गति में कदम बढ़ाते हुए पाकिस्तान की ताकत को कम करने का काम किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि यह रणनीति 1971 के बांग्लादेश युद्ध जैसी ही है, जहां बिना घोषणा किए रणनीतिक हमले किए गए थे।
“हमारी लड़ाई का उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद का खात्मा है। पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया, इसलिए जवाबी कार्रवाई आवश्यक थी।”


निष्कर्ष: भारत पूरी तरह तैयार

तीनों सेनाओं के डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में स्पष्ट किया कि भारतीय सेना पूरी तरह ऑपरेशनल है और किसी भी प्रकार के हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “हमारी सभी मिलिट्री बेसस और एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल हैं। किसी भी परिस्थिति में हम अपने अगले मिशन के लिए तैयार हैं।”


जय हिंद! भारत की ताकत का एक और प्रदर्शन

ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय सेना न केवल आतंकवाद का खात्मा करने के लिए तैयार है, बल्कि पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। भारतीय सेना की यह कार्रवाई इतिहास में एक नई गाथा के रूप में दर्ज हो चुकी है।

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