पाकिस्तान में परमाणु आपातकाल? – किराना पहाड़ी के आसपास की बस्तियों में मची भगदड़

 

पाकिस्तान के किराना पहाड़ी इलाके में एक बड़े परमाणु संकट की आशंका के बीच स्थानीय बस्तियों को तेजी से खाली कराया जा रहा है। सोशल मीडिया पर फैल रही सूचनाओं के अनुसार, सरगोदा और रावलपिंडी के पास स्थित इस क्षेत्र में अचानक रेडिएशन लीकेज होने की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने अब तक इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है, लेकिन वहां के हालात चिंताजनक बने हुए हैं।


किराना पहाड़ी: परमाणु हथियारों का केंद्र

किराना पहाड़ी, पाकिस्तान का वह इलाका है जहां लंबे समय से परमाणु हथियारों का भंडारण किया जाता रहा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंधु के दौरान हुए ड्रोन हमलों और मिसाइल स्ट्राइक्स के बाद इस क्षेत्र में रेडिएशन फैलने की आशंका जताई जा रही है।

  • स्थानीय लोगों का दावा है कि उनकी त्वचा में जलन, नाक से बदबूदार हवा आना, और सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है।

  • कई लोगों को तेज़ बुखार भी चढ़ने लगा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।

  • सरकार द्वारा आदेश दिए जाने के बाद पुलिस और आर्मी ने जबरदस्ती बस्तियों को खाली कराना शुरू कर दिया है।

एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमें घर छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। हमारी चमड़ी लाल हो रही है और सांस लेना मुश्किल हो गया है। समझ में नहीं आ रहा कि आखिर हो क्या रहा है।”


अमेरिकी विमान कर रहा है निगरानी

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी रेडिएशन डिटेक्ट करने वाला एक विशेष विमान पिछले तीन दिनों से सरगोदा, रावलपिंडी, और नूर खान एयरबेस के आसपास निगरानी कर रहा है। इसका उद्देश्य इस इलाके में बढ़ते रेडिएशन के स्तर का आकलन करना है।

मुख्य बिंदु:

  • किराना पहाड़ी और उसके आसपास के 50-60 किलोमीटर के दायरे में आपातकालीन स्थितियां लागू।

  • हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

  • रेडिएशन के प्रभाव से बचने के लिए इलाके के जल स्रोतों को भी असुरक्षित बताया जा रहा है।


क्या भारत के हमले का है परिणाम?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंधु के बाद यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट नहीं किया है कि रेडिएशन लीकेज भारतीय हमले का परिणाम है या किसी तकनीकी खामी का।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर फैली जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।


भविष्य की चुनौतियां और अंतरराष्ट्रीय चिंता

रेडिएशन का यह खतरा अगर बढ़ता है, तो न केवल पाकिस्तान बल्कि उसके पड़ोसी देशों के लिए भी यह बड़ा संकट बन सकता है। अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस मामले पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

पाकिस्तान सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही इस मामले में स्पष्ट बयान देगी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेगी। अगर यह संकट गहराता है, तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं।

One thought on “पाकिस्तान में परमाणु आपातकाल? – किराना पहाड़ी के आसपास की बस्तियों में मची भगदड़

  1. Rakesh Gupta says:

    परमाणु सम्पन्न देशों को गम्भीर होना चाहिए। बात बात में पाकिस्तान के नेताओं का अपनी परमाणु शक्ति का ढिंढोरा पीटना और गैरजिम्मेदाराना बयान देने का नतीजा हुआ कि अपनी ही आवाम को खतरे में डाल दिया।
    पाकिस्तान को चाहिए कि अपने परमाणु प्रतिष्ठानों को स्क्रैप कर दे और प्रगति का मार्ग चुने। कुरान को अपने घरों में रखे। देश चलाए संविधान से और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप।

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