अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना की, पाकिस्तान को IMF सहायता न रोकने पर उठाए सवाल

 

वॉशिंगटन: एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली आर्थिक सहायता को रोकने के पर्याप्त प्रयास नहीं किए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान को IMF से एक बड़ा आर्थिक पैकेज मिला है, जिसका उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को स्थिर करना है।

रणनीतिकार के अनुसार, “पाकिस्तान को IMF की सहायता न केवल उसकी अर्थव्यवस्था को सहारा देती है, बल्कि आतंकवाद को भी अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय मदद मिलती है। अमेरिका को अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए पाकिस्तान को मिलने वाली इस सहायता को रोकना चाहिए था। ट्रंप प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जो एक बड़ी चूक मानी जा सकती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों को मिलने वाले समर्थन को देखते हुए, अमेरिका को इस प्रकार की आर्थिक सहायता पर गंभीर पुनर्विचार करना चाहिए। “जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद का खात्मा नहीं करता, तब तक उसे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता मिलना अमेरिका की विदेश नीति के विपरीत है,” उन्होंने जोड़ा।

IMF पैकेज पर बढ़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव

IMF द्वारा पाकिस्तान को जारी किए गए आर्थिक पैकेज पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस आर्थिक सहायता का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के रक्षा बजट में जा सकता है, जिससे आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए रणनीतिकार ने यह भी कहा कि अमेरिका को न सिर्फ IMF बल्कि विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों पर भी दबाव बनाना चाहिए था ताकि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की कड़ी निगरानी हो सके।

क्या होगा आगे का रास्ता?

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी नीतियों में बदलाव की जरूरत है। बाइडेन प्रशासन के सामने यह एक अवसर है कि वह पाकिस्तान की सहायता पर सख्त रुख अपनाए और यह सुनिश्चित करे कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता का दुरुपयोग न हो।

क्या अमेरिका पाकिस्तान को IMF सहायता जारी रखने देगा या इस पर कड़ा रुख अपनाएगा? आने वाले समय में इसका जवाब देखने को मिलेगा।

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