₹1,600 करोड़ कमाने वाली तुर्की कंपनी की छुट्टी, सुरक्षा रिपोर्ट अदालत में सीलबंद

नई दिल्ली, 20 मई 2025
भारत सरकार द्वारा तुर्की की ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी सेलेबी इंटरनेशनल का सुरक्षा क्लीयरेंस रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कंपनी ने आरोप लगाया कि क्लीयरेंस रद्द करने से पहले उसे न तो कारण बताया गया और न ही कोई नोटिस जारी किया गया। जवाब में केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि फैसला “इंटेलिजेंस रिपोर्टों” पर आधारित है, जिनका खुलासा करना स्वयं राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम पैदा करेगा।

क्या है मामला?

  • 2008 में यूपीए सरकार के दौरान सेलेबी को भारतीय हवाईअड्डों पर ग्राउंड-हैंडलिंग का ठेका मिला।

  • कंपनी वर्तमान में दिल्ली, मुंबई सहित नौ बड़े हवाईअड्डों पर कार्गो एवं ग्राउंड सेवाएँ प्रदान कर रही थी और हर वर्ष लगभग ₹1,600 करोड़ का कारोबार करती थी।

  • तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने और कश्मीर पर बयानबाज़ी तेज होने के बाद, केंद्र ने हाल ही में कंपनी का सुरक्षा क्लीयरेंस रद्द कर दिया।

सरकार का तर्क

सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि

  1. हवाईअड्डों के “हर कोने” तक कंपनी की पहुँच थी; ऐसे में कोई भी सुरक्षा चूक देश के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।

  2. उपलब्ध गुप्त रिपोर्टें सार्वजनिक करने पर भारत की सुरक्षा तैयारियों का खुलासा हो जाएगा, जिसे किसी कीमत पर उजागर नहीं किया जा सकता।

  3. राष्ट्रहित सर्वोपरि है; अनुबंधों से बंधे होने के बावजूद सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र कार्रवाई की गई है।

कंपनी की आपत्तियाँ

  • सेलेबी ने तर्क दिया कि उसके 5,000 कर्मियों में बड़ी संख्या भारतीय हैं; क्लीयरेंस रद्द होने से ये कर्मचारी बेरोज़गार हो सकते हैं।

  • कंपनी के वकीलों ने अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का हवाला देते हुए पारदर्शिता की माँग की।

  • इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सेलेबी का शेयर दो कारोबारी दिनों में 20 करोड़ डॉलर (लगभग ₹1,670 करोड़) तक गिर चुका है।

आगे क्या?

अदालत ने केंद्र से जवाबी हलफ़नामा दर्ज कराने को कहा है, पर साथ ही संकेत दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सामग्री सार्वजनिक न करने का सरकारी रुख “सावधानीपूर्ण” माना जा सकता है। अगली सुनवाई की तिथि जल्द जारी होगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अदालत केंद्र के पक्ष में रहती है, तो सेलेबी इंटरनेशनल को भारत में अपना संचालन स्थायी रूप से बंद करना पड़ सकता है। ऐसे में ग्राउंड-हैंडलिंग के नए ठेके भारतीय कंपनियों को दिए जाने की संभावना प्रबल हो जाएगी।

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