Youtuber का ‘Spy Cam’—कश्मीर से पाक-अफगान बॉर्डर तक वीडियो, NIA-IB की संयुक्त पूछताछ

 

चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा की ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एक बड़े जासूसी मॉड्यूल और भारत में संचालित उसके अत्याधुनिक नेटवर्क की परतें खोल दी हैं। जांच में सामने आया है कि मल्होत्रा ने पाक-अफगान सीमा तक संपर्क स्थापित कर रखा था—यह इलाका आतंकवादी गतिविधियों के लिए berukha माना जाता है और आम नागरिकों की आवाजाही पर सख़्त प्रतिबंध है।

क्या-क्या सामने आया

  • सोशल मीडिया प्रभावशाली लक्षित
    जांच एजेंसियों के मुताबिक ISI ने रणनीतिक रूप से उन लोगों को भर्ती किया जिनकी सोशल मीडिया पर भारी फॉलोइंग हो, ताकि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के साथ-साथ पाकिस्तान की सकारात्मक छवि भी प्रचारित की जा सके।

  • संयुक्त पूछताछ
    मल्होत्रा वर्तमान में पाँच दिन की पुलिस हिरासत में हैं और एनआईए, आईबी व हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम उनसे पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार वह टाल-मटोल कर रही हैं और जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।

  • पाकिस्तानी अधिकारी से संबंध
    शुरू में मल्होत्रा ने पाकिस्तानी उच्चायोग के निष्कासित अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ़ दानिश से संबंधों से इनकार किया, मगर मोबाइल फ़ोन की जांच में उनके बीच की दो चैट डिलीट करने के सबूत मिले। माना जा रहा है कि इन चैट्स में संवेदनशील सूचनाएँ और निर्देश थे।

  • यूट्यूब-इंस्टाग्राम पर बड़ी पहुँच
    व्लॉगर के यूट्यूब पर लगभग 4 लाख और इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख फ़ॉलोअर्स हैं। एजेंसियों का मानना है कि इतनी बड़ी पहुँच का लाभ उठाकर वह प्रोपेगैंडा फैलाने और सूचनाएँ संकलित करने का काम कर रही थीं।

  • डायरी के पन्ने भी सुराग
    उनकी निजी डायरी के 11 पन्नों में पाकिस्तान यात्राओं का ब्योरा मिला है। एक प्रविष्टि में उन्होंने लिखा—“पाकिस्तान के लोगों से अपार प्रेम मिला… हम सब एक ही धरती से हैं।” एक अन्य नोट में उन्होंने पाक-अफगान बॉर्डर तक पहुंचने और गुरुद्वारों-मंदिरों के संरक्षण का ज़िक्र किया है।

वीडियो और यात्राएँ घेरे में

  • कश्मीर एवं संवेदनशील इलाक़ों के वीडियो
    मल्होत्रा द्वारा पिछले वर्ष कश्मीर (पहलगाम, गुलमर्ग, डल झील, लद्दाख, पांगोंग) में बनाए गए सभी वीडियो खंगाले जा रहे हैं। जाँच का मक़सद यह पता लगाना है कि कहीं ये वीडियो आतंकियों को मददगार तो नहीं साबित हुए या किसी के निर्देश पर तो नहीं बनाए गए।

  • सीमावर्ती क्लिप्स
    पठानकोट,नाथुला, अरुणाचल समीपवर्ती क्षेत्रों तथा बीएसएफ मूवमेंट व रडार लोकेशन वाले वीडियो भी क्लाउड स्टोरेज से मिले हैं, जिन पर एजेंसियाँ विशेष ध्यान दे रही हैं।

  • चीन-बांग्लादेश यात्राएँ
    पाकिस्तान दौरों के बाद बंग्लादेश और विशेषकर 2024 की चीन यात्रा की भी जांच हो रही है। संदेह है कि चीन का वीज़ा पाक उच्चायोग के माध्यम से दिलवाया गया।

कानूनी स्थिति

पूरा मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण मल्होत्रा पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम समेत कड़े साजिश के प्रावधान लगने की संभावना है। फ़ोन फ़ॉरेंसिक जांच के नतीजों और विदेशी संपर्कों के पुख़्ता सबूत मिलने पर उन पर राजद्रोह सहित अन्य धाराएँ भी जोड़ी जा सकती हैं।

जांच एजेंसियों का कहना है कि सोशल मीडिया की आड़ में जारी यह जासूसी नेटवर्क आधुनिक तकनीक से लैस है और भारत-विरोधी ताक़तों द्वारा देश के संवेदनशील स्थानों की जानकारी जुटाने तथा मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने का नया तरीका बन रहा है।

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