कोलकाता के ऊपर संदिग्ध ड्रोन मंडराए, केंद्र ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
कोलकाता में मंगलवार देर रात विद्यासागर सेतु, हेस्टिंग्स और मैदान इलाके के ऊपर एक दर्जन से अधिक ड्रोन देखे जाने से हड़कम्प मच गया। ये क्षेत्र रणनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं—यहीं से राष्ट्रीय राजमार्ग-12 जी.टी. रोड से जुड़ता है, पास में ईडन गार्डन्स स्टेडियम, विक्टोरिया मेमोरियल, कई प्रमुख पाँच-सितारा होटल, सैन्य आवासीय परिसर और शीर्ष मेडिकल-शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं।
पुलिस जाँच और सुरक्षा अलर्ट
सूचना मिलते ही पश्चिम बंगाल पुलिस ने आस-पास के चश्मदीदों से बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी। प्रारम्भिक दावों में कुछ लोगों ने इसे “कंटेंट-क्रिएटरों का ड्रोन शूट” बताया, मगर अब तक कोई यूट्यूबर या एजेंसी आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है। ड्रोन एक-दो स्थान नहीं, बल्कि कई मुख्य स्थलों के ऊपर लगातार मंडराते रहे और फिर अचानक गायब हो गए—जिसने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।
केंद्र ने राज्य से तलब की रिपोर्ट
घटना की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से तुरंत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हाल के आतंकी हमलों और पूर्वोत्तर-सीमा पर बढ़ती चीनी सक्रियता के मद्देनज़र, ड्रोन गतिविधि को जासूसी या रेकी की आशंका से जोड़ा जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विद्यासागर सेतु जैसे महत्वपूर्ण पुल को निशाना बनाया गया तो कोलकाता-हावड़ा यातायात तंत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
अवैध घुसपैठ और ‘स्लीपर सेल’ की आशंका
स्थानीय खुफिया नेटवर्क का मानना है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की बड़ी संख्या होने से क्षेत्र पहले ही संवेदनशील है। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों से लैस 10-12 ड्रोन एक साथ उड़ाना महंगा और संगठित ऑपरेशन का संकेत देता है—सिर्फ शौकिया शूट नहीं।
आगे क्या?
राज्य और केंद्रीय एजेंसियाँ अब ड्रोन के उड़ान पथ, संभावित लैंडिंग ज़ोन और ऑपरेटरों का पता लगाने के लिए रडार डेटा व सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाल रही हैं। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई भी खतरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटनाक्रम को देखते हुए विशेषज्ञ नागरिकों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील कर रहे हैं।