क्या तंत्र-मंत्र, प्रेत-बाधा, जादू-टोना वास्तव में हमें नुकसान पहुँचा सकता है? जानें सच्चा उपाय
क्या टोटका-तंत्र वास्तव में हमें नुकसान पहुँचा सकता है? जानें सच्चा उपाय
-
कर्म ही हमारी सच्ची परीक्षा
– कोई भी तंत्र तब असर करता है जब हमारा ही अशुभ कर्म उसे सहयोग देता है।
– यदि हम अपने कर्मों को समझकर उनसे मुक्त नहीं होंगे, तो टोटका-दोष पर दोष मढ़ने से कोई लाभ नहीं।
– “कौन कहे सुख-दुख का दाता, निज-कृत कर्म लोक भोगा” – जैसा बोया, वैसा काटेंगे। -
नाम-मंत्र की शक्ति
– श्रीराधा का नाम जपने से हमारे कर्मों का विकार शांत होता है।
– पूर्वजों के पाप और शाप का प्रभाव भी नाम-संकीर्तन से समाधान हो जाता है।
– “राधे नाम अनुरचित अनंत पितृदोष निवारण” जैसे सिद्ध मन्त्र का उच्चारण हमारी रक्षा कवच बनाता है। -
प्रभु-आश्रय में शरण
– जब हम स्वयं को और अपने समस्त कर्म-फल को भगवान के चरणों में अर्पित कर देते हैं, तो कोई भी शक्ति हमें बाधित नहीं कर सकती।
– हर हरि—नाम जप का आनंद लेते हुए भय, कष्ट और मोहोत्कर्ष से मुक्ति मिलती है। -
अहंकार का त्यागः स्वीकृति से मुक्ति
– अहंकार के कारण हम “यह मेरा है- वह तेरा है” के द्वंद्व में फँस जाते हैं।
– जब हम स्वयं “मेरा कुछ नहीं, सब कुछ प्रभु का है” का स्वाभाविक भाव धारण कर लेते हैं, तब कोई भी टोटका हमें नहीं छू सकता। -
उपासना का सारः प्रेमपूर्ण समर्पण
– भक्ति साधना का लक्ष्य केवल कष्ट निवारण नहीं, बल्कि अंतःकरण में दिव्य प्रेम लाना है।
– “यह तन-मन-धन-सभु समर्पित, प्रभु चरणों का नम्र सेवक” – इसी भाव से सेवा-भाव विकसित करें।
निष्कर्ष
कोई भी तंत्र या टोटका तब तक हमें प्रभावित नहीं कर सकता, जब तक हम स्वयं अपने कर्मों और अहंकार के जाल में नहीं उलझे। श्रीराधा—नाम का जप एवं समर्पण-भाव ही असली रक्षा कवच है, जो हर बाधा पार कर हार्दिक शांति और आनंद प्रदान करता है।