Bihar Police Reform: 15 दिनों में आरोपी नामित करने का सख्त Order
बिहार पुलिस महानिदेशक DGP Vinay Kumar ने राज्य के सभी जिलों के पर्यवेक्षी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक प्राथमिकी (FIR) या अप्राथमिकी मामले में 15 दिनों के भीतर अभियुक्त (accused) तय करें। यह कदम Bihar Police Reform और police case fairness सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि fake FIR name removal और निर्दोषों के साथ होने वाली अनावश्यक हरकतों पर रोक लगाई जा सके।
प्रमुख निर्देश (Key Directives)
-
अभियुक्त तय करने का आदेश (Order to Fix Accused)
-
सभी DSP एवं इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी अब case name add/remove की प्रक्रिया में देरी नहीं करेंगे।
-
15 दिनों के भीतर अभियुक्त न चुने जाने पर अधिकारी के खिलाफ departmental action लिया जाएगा।
-
-
निगरानी की जिम्मेदारी (Monitoring Responsibility)
-
रेंज IG एवं DIG को case monitoring और लंबित मामलों की कड़ी निगरानी करनी होगी।
-
विशेष रूप से उन मामलों पर ध्यान दिया जाएगा जहां अभियुक्त की पहचान लंबित है या जानबूझकर विलंब हो रहा है।
-
-
नाम जोड़ने–हटाने पर रोक (Ban on Arbitrary Name Changes)
-
खुफिया रिपोर्टों के आधार पर पाया गया है कि कुछ अधिकारियों ने जांच की आड़ में FIR में नाम जोड़कर या हटाकर extortion और intimidation की घटनाओं को बढ़ावा दिया।
-
ऐसे मामलों में तत्काल spot inquiry कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
-
पारदर्शिता एवं जवाबदेही (Transparency & Accountability)
डीजीपी विनय कुमार के इस आदेश से बिहार में FIR transparency में बढ़ोतरी होगी और न्याय प्रक्रिया अधिक accountable बनेगी। अब कोई भी व्यक्ति बिना उचित जांच के लंबे समय तक मामले में न फंसे, और वास्तविक दोषियों को ही अभियुक्त बनाया जाए।