4.58 करोड़ का बैंक घोटाला – ICICI बैंक की महिला कर्मचारी ने तोड़ी 41 ग्राहकों की FD, पूरा पैसा शेयर बाजार में गंवाया
कोटा, राजस्थान – एक हैरान कर देने वाला बैंक घोटाला सामने आया है जिसमें ICICI बैंक की एक महिला कर्मचारी द्वारा 41 ग्राहकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तोड़कर ₹4.58 करोड़ का गबन करने का मामला सामने आया है। यह घटना कोटा के ICICI बैंक शाखा में हुई, जहां साक्षी गुप्ता नाम की रिलेशनशिप मैनेजर ने हाई-नेटवर्थ ग्राहकों के एफडी खातों का दुरुपयोग किया।
घोटाले का तरीका:
साक्षी गुप्ता को फिक्स्ड डिपॉजिट खातों का एक्सेस था। उन्होंने ऐसे ग्राहकों को निशाना बनाया जो बैंकिंग ट्रांजैक्शन में कम सक्रिय थे और अलर्ट्स पर ध्यान नहीं देते थे।
- पहले, FD खातों को ग्राहकों की जानकारी के बिना प्रीमैच्योर तोड़ा गया।
- ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलकर अपना या अपने परिजनों का नंबर अपडेट कर दिया गया, जिससे OTP और अलर्ट्स ग्राहक तक न पहुंचे।
- FD की रकम को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया।
- कुछ मामलों में, ग्राहकों के नाम पर बैंक से पर्सनल लोन भी लिया गया।
- बैंक के इंटरनल सॉफ्टवेयर में फर्जी एंट्री करके FD को एक्टिव दिखाया गया ताकि ऑडिट में गड़बड़ी पकड़ी न जाए।
कैसे खुला मामला:
यह घोटाला करीब दो साल तक (2022 से 2024) चला और तब सामने आया जब कई ग्राहकों को तय तारीख पर FD का ब्याज नहीं मिला। जब उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो पूरे मामले की जांच शुरू हुई और इंटरनल ऑडिट के दौरान हेराफेरी का पता चला।
कहां गया पैसा:
महिला कर्मचारी ने ₹4.58 करोड़ की रकम अपने डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर कर दी और उसे हाई रिस्क शेयरों और डेरिवेटिव्स में निवेश कर दिया। भारी नुकसान के कारण अधिकांश रकम डूब गई और अब रिकवरी की संभावना बेहद कम है।
कानूनी कार्रवाई:
घटना सामने आने के बाद कोटा पुलिस स्टेशन में IPC की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लिया गया है। बैंक की ओर से तत्काल प्रभाव से उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।
बैंकिंग सिस्टम पर सवाल:
इस घटना ने बैंकिंग सिस्टम में मौजूद खामियों को उजागर कर दिया है:
- बिना डुअल ऑथेंटिकेशन के एफडी तोड़ना संभव था
- अलर्ट सिस्टम (SMS/Email/OTP) कमजोर साबित हुआ
- कर्मचारी को मिला फुल एक्सेस बिना निगरानी
- समय-समय पर ऑडिट की कमी
संभावित प्रभाव:
- RBI द्वारा बैंक की सुरक्षा प्रणाली और कंप्लायंस पर कड़ी निगरानी की जा सकती है।
- SEBI इस बात की जांच कर सकती है कि कैसे अचानक एक कर्मचारी के अकाउंट में करोड़ों का ट्रेडिंग ट्रांजैक्शन हुआ।
- अन्य संभावित पीड़ित ग्राहकों की संख्या बढ़ सकती है जो अब सामने आ रहे हैं।
यह घोटाला भारत के पूर्व के बैंक घोटालों जैसे PMC बैंक (2019), YES बैंक ओवरड्राफ्ट स्कैम (2021), और PNB घोटाला (नीरव मोदी) की याद दिलाता है, जहां कर्मचारी एक्सेस के दुरुपयोग से आम लोगों की बचत पर सीधा खतरा उत्पन्न हुआ था।
सावधानी ही सुरक्षा है – ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट, एफडी ब्याज तारीखें और ट्रांजैक्शन अलर्ट की जांच करते रहें।