राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाला मामले में पूर्व CM मधु कोड़ा के आरोप गठन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए प्रार्थी ने मांगा समय

Ranchi: राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ओर से निचली अदालत द्वारा आरोप गठित किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई. न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने प्रार्थी को आरोप गठन से संबंधित निचली अदालत से प्राप्त दस्तावेजों की सर्टिफाइड कॉपी में हुई त्रुटि को निचली अदालत से वेरीफाई कर लें और इसे चार सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को भी निर्देश दिया कि वे आरोप गठन के दस्तावेज में त्रुटि के संबंध में मामले की जांच कर लें. मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, सागर कुमार सिंह ने पैरवी की.
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बता दें कि मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री के उच्च पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आईवीआरसीएल के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपए घूस ली. साथ ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसे लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर दे दिया. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, इसमें मधु कोड़ा ढाई साल तक जेल में रहे थे. उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी.

बता दें कि आरोप है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने हैदराबाद की ब्लैक लिस्टेड कंपनी आईवीआरसीएल को काम दिया था. वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के लिए झारखंड को केंद्र से 467.76 करोड़ रुपए मिले थे. इस परियोजना के तहत झारखंड के छह जिलों के 27359 गांवों का विद्युतीकरण किया जाना था. इससे 29.26 लाख परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलता.

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